जिनवाणी मैनेजमेंट कॉलेज, आरा में प्रो. एम.एम. गोयल का स्वागत एवं ‘विक्सित भारत 2047 में नीडोनॉमिक्स की प्रासंगिकता’ पर प्रेरक व्याख्यान

आरा, 16 अक्टूबर: “विक्सित भारत की तैयारी के लिए हमें नीडोनॉमिक्स से प्रेरित पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाना होगा,” यह बात नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट के प्रवर्तक और तीन बार कुलपति एवं पूर्व प्रतिकुलपति वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय आरा रह चुके प्रो. मदन मोहन गोयल ने कही। वे आज जिनवाणी मैनेजमेंट कॉलेज, आरा में “विक्सित भारत के लिए नीडोनॉमिक्स की प्रासंगिकता” विषय पर अतिथि व्याख्यान दे रहे थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के निदेशक श्री आदित्य विजय जैन द्वारा स्वागत भाषण से हुआ, जिन्होंने मुख्य वक्ता प्रो. एम.एम. गोयल का परिचय कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आदित्य विजय जैन, चेयरमैन, ने की।

अपने व्याख्यान में प्रो. गोयल ने भारतीय दर्शन और आर्थिक व्यवहारिकता पर आधारित एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “विक्सित भारत को नीडो-निर्यातों  का केंद्र बनने के लिए विपणन में NAW दृष्टिकोण—Need (आवश्यकता), Affordability (सुलभता), और Worth (मूल्य)—को अपनाना होगा, जो नीडो-उपभोग (Needo-consumption) से संचालित हो।”

प्रो. गोयल ने विक्सित भारत की दृष्टि के लिए नीडो-सम्पदा (Needo-wealth), नीडो-स्वास्थ्य (Needo-health) और नीडो-खुशी (Needo-happiness) की त्रयी को आवश्यक स्तंभ बताया।

उन्होंने बताया कि उपभोग, बचत, उत्पादन, निवेश और वितरण जैसी आर्थिक गतिविधियों में नीडो-व्यवहार (Needo-behaviour) और नीडो-व्यापार (Needo-trade) की भावना अपनानी चाहिए, जो ग्लोकलाइजेशन (वैश्विक सोच और स्थानीय क्रियान्वयन) की ओर ले जाती है।

नीडो-परोपकार (Needo-altruism) के महत्व पर बल देते हुए प्रो. गोयल ने कहा, “हमें एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) के आदर्श वाक्य ‘Not Me But You’ की भावना को आत्मसात करना चाहिए और इतना अर्जन करना चाहिए कि हम दूसरों को सशक्त बनाने के साधन बन सकें।”

उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों—उपभोक्ता, उत्पादक, वितरक, व्यापारी, नीति निर्माता और राजनेता—में आर्थिक व्यवहार की बीमारी  को दूर करने के लिए व्यवहारिक परिवर्तन आवश्यक है।

अपने संबोधन के समापन पर प्रो. गोयल ने सभी को स्ट्रीट स्मार्ट  बनने का आह्वान किया — Simple (सरल), Moral (नैतिक), Action-oriented (क्रियाशील), Responsive (उत्तरदायी) और Transparent (पारदर्शी) — तथा विक्सित भारत 2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नीडोनॉमिक्स को सामान्य बुद्धि आधारित दृष्टिकोण  के रूप में अपनाने का आग्रह किया।

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