स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के सख्त क्रियान्वयन पर जोर दिया
लड़कियों के जन्म अनुपात में सुधार — 2021-23 की SRS रिपोर्ट में दिखी सकारात्मक प्रगति, कई राज्य राष्ट्रीय औसत 917 से ऊपर पहुंचे
-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने 31वीं केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (CSB) बैठक की अध्यक्षता की।
-
बैठक में पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 के प्रभावी क्रियान्वयन और लैंगिक संतुलन पर चर्चा हुई।
-
2021-23 की SRS रिपोर्ट में जन्म के समय लिंगानुपात (Sex Ratio at Birth) में सुधार दर्ज।
-
नड्डा ने राज्यों में जागरूकता, प्रशिक्षण और कड़े प्रवर्तन की आवश्यकता दोहराई।
-
मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों की पहल की सराहना।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने नई दिल्ली में 31वीं केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (CSB) बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का लक्ष्य पूर्व-गर्भाधान और प्रसव पूर्व नैदानिक तकनीक (PC&PNDT) अधिनियम, 1994 के प्रभावी क्रियान्वयन को मजबूत बनाना और लिंग चयन एवं भ्रूण परीक्षण के दुरुपयोग को निरोधित करना था।
बैठक में 2021-23 की सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसमें देश में जन्म के समय लिंगानुपात (SRB) में सुधार दर्ज किया गया है। कई राज्यों ने राष्ट्रीय औसत 917 से बेहतर प्रदर्शन किया है। मंत्री ने कहा कि यह सुधार सभी राज्यों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है, लेकिन इस दिशा में और सख्त कदमों की जरूरत है।
श्री नड्डा ने बताया कि राष्ट्रीय जागरूकता कार्यशाला (National Sensitization Workshop), जो 6 अक्टूबर 2025 को आयोजित किया गया था, में तकनीकी चुनौतियों पर विचार किया गया था। उन्होंने राज्यों को निर्देश दिया कि डिजिटल युग में पोर्टेबल डायग्नोस्टिक डिवाइस और ऑनलाइन विज्ञापनों के माध्यम से भ्रूण लिंग निर्धारण जैसी नई चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार प्रशिक्षण और संवाद आवश्यक है।
स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने बताया
बताया कि लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण को मजबूत बनाना मंत्रालय की प्राथमिकता है। उन्होंने कदमों का जिक्र “स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान” (Swasth Nari Sashakt Parivar Abhiyaan) के तहत किया।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा कि समाज में बेटी के मूल्य को समझने और उसे समान अवसर प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
बैठक में संसद सदस्यों, मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
श्री नड्डा ने यात्रायें कि केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (CSB) पीसीपीएनडीटी अधिनियम के कड़े अनुपालन और लैंगिक समानता प्रदान करने के लिए संवदेनशील दिशा-निर्देश और निगरानी करता रहेगा।
Comments are closed.