समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 नवंबर। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में भारत के मुख्य न्यायाधीश को पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 9 नवंबर को पदभार ग्रहण करने वाले भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश हैं। वह 10 नवंबर, 2024 तक पद पर रहेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होना आवश्यक है।
जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
उनके पिता, न्यायमूर्ति वाईवी चंद्रचूड़ ने 2 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
11 नवंबर 1959 को पैदा हुए जस्टिस चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
31 अक्टूबर, 2013 से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति तक, उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
29 मार्च 2000 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी नियुक्ति तक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।
1998 से बॉम्बे उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में अपनी नियुक्ति तक, वह भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी थे। जून 1998 में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया।
जस्टिस यूयू ललित की जगह जस्टिस चंद्रचूड़ लेंगे। कन्वेंशन के मुताबिक जस्टिस ललित ने 11 अक्टूबर को केंद्र को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की. 17 अक्टूबर को राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया.
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