ज्योति सिर्फ चेहरा थी, ISI चला रहा था भारत में जासूसी का जाल! पाक उच्चायोग बना ‘साजिश का सेंटर’, दानिश निकला मोहरा

जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,21 मई ।
देश की राजधानी एक बार फिर ISI की साजिश का गवाह बनी है। इस बार मामला सिर्फ एक महिला की जासूसी का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित जासूसी नेटवर्क का है जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा भारत में गुप्त रूप से तैयार किया जा रहा था। ज्योति नाम की महिला महज एक चेहरा थी—असल खेल पर्दे के पीछे चल रहा था।

जांच एजेंसियों ने जब ज्योति को गिरफ्तार किया, तब शुरुआत में यही लगा कि ये कोई व्यक्तिगत लालच में फंसी महिला है। लेकिन जैसे-जैसे परतें खुलती गईं, एक ऐसा जासूसी नेटवर्क सामने आया जो देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी चौंका गया।

सूत्रों के मुताबिक, ज्योति ISI के इशारों पर सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटा रही थी और इसे दानिश नाम के व्यक्ति के माध्यम से पाकिस्तानी उच्चायोग तक पहुंचाया जा रहा था।

दानिश कोई मासूम प्रेमी नहीं, बल्कि ISI के निर्देशों पर काम करने वाला एक एक्टिव मोहरा था। उसकी भूमिका सिर्फ सूचनाओं को इकट्ठा करने की नहीं, बल्कि नए लोगों को फंसाने की भी थी। सोशल मीडिया के जरिए संपर्क बनाना, उन्हें फरेब में फँसाना और फिर ब्लैकमेल कर सूचनाएं निकलवाना – यही था उसका असली एजेंडा।

इस पूरे नेटवर्क का सबसे चौंकाने वाला पहलू ये है कि जासूसी गतिविधियों का संचालन पाकिस्तानी उच्चायोग से हो रहा था। वहां तैनात कुछ अधिकारियों पर अब भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नजर टिकी है। सूत्रों के अनुसार, वहां से ज्योति और दानिश को निर्देश मिल रहे थे, और वहीं से डाटा विदेश भेजा जा रहा था।

ISI का मकसद सिर्फ जानकारी इकट्ठा करना नहीं, बल्कि भारतीय रक्षा व्यवस्था को अंदर से कमजोर करना था। महिला एजेंटों का इस्तेमाल कर संवेदनशील ठिकानों तक पहुंच बनाना, अफसरों को हनीट्रैप में फँसाना, और देश की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाना – यही था इस ऑपरेशन का असली मकसद।

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने समय रहते इस नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ये सिर्फ एक केस है या फिर देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के नेटवर्क पनप चुके हैं? यह मामला न सिर्फ एक गंभीर चेतावनी है, बल्कि आने वाले समय में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती भी।

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