केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट विकसित करने पर दिया जोर

उत्तर-पूर्व के आर्थिक गलियारे, पर्यटन और कृषि-उद्यानिकी पर उच्चस्तरीय टास्क फोर्स बैठकों में विकास रणनीतियों पर हुई विस्तृत चर्चा

  • केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तीन उच्चस्तरीय टास्क फोर्स बैठकों में भाग लिया।
  • बैठकों का उद्देश्य उत्तर-पूर्व राज्यों के बीच समन्वित विकास को बढ़ावा देना था।
  • पर्यटन बैठक में विश्वस्तरीय टूरिस्ट सर्किट और क्षेत्रीय सहयोग पर जोर दिया गया।
  • कृषि-उद्यानिकी टास्क फोर्स में मूल्य संवर्धन, ऑर्गेनिक खेती और ब्रांडिंग पर हुई चर्चा।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 27 अक्टूबर 2025 को तीन उच्चस्तरीय टास्क फोर्स (HLTF) बैठकों में भाग लिया। इन टास्क फोर्सों का गठन उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के समग्र और समन्वित विकास को गति देने के लिए किया गया था।

 

पहली बैठक उत्तर-पूर्व आर्थिक गलियारे (North East Economic Corridor) पर केंद्रित रही, जिसकी अध्यक्षता मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री पु लालदूहामा ने की। इस दौरान सड़क, रेल, वायु एवं जल मार्गों के विकास, ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी, व्यापार गलियारों और सीमा व्यापार ढांचे को मजबूत करने की दिशा में विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। मंत्री सिंधिया ने सुझाव दिया कि मिजोरम सरकार सभी राज्यों से मिले फीडबैक को शामिल कर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

 

दूसरी बैठक पर्यटन पर केंद्रित रही, जिसकी अध्यक्षता मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा ने की। इस बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित त्रिपुरा और सिक्किम के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे। बैठक में श्री सिंधिया ने उत्तर-पूर्व में विश्वस्तरीय पर्यटन सर्किट विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि क्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए जमीनी स्तर से (bottom-up approach) रणनीति तैयार की जाए और पड़ोसी देशों से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक दीर्घकालिक विजन प्लान बनाया जाए।

 

तीसरी बैठक कृषि एवं उद्यानिकी पर केंद्रित रही, जिसकी अध्यक्षता सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग ने की। इस दौरान त्रिपुरा, असम और अरुणाचल प्रदेश के मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। चर्चा में ऑर्गेनिक खेती, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रोसेसिंग यूनिट्स, क्लस्टर-आधारित खेती और क्षेत्रीय उत्पादों की “ऑर्गेनिक” ब्रांडिंग पर जोर दिया गया।

 

श्री सिंधिया ने कहा कि उत्तर-पूर्व के विकास के लिए राज्यवार योजनाओं को आर्थिक मूल्य संवर्धन से जोड़ा जाए, ताकि दीर्घकालिक रूप से सरकारी उपक्रमों की स्थिरता और सफलता सुनिश्चित हो सके।

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