सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने पर भड़के कैलाश विजयवर्गीय, पत्र लिख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछे कड़े सवाल

समग्र समाचार सेवा

भोपाल, 2 मार्च। मध्य प्रदेश के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। इस आयोजन के स्थगित होने के बाद अभी तक विपक्षी दल ही भाजपा सरकार को निशाने पर ले रहे थे। लेकिन मंगलवार शाम भाजपा के बड़े पदाधिकारी भी इसको लेकर शिवराज पर सवाल उठाने लगे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने आयोजन स्थगित होने पर मुख्यमंत्री शिवराज को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने सीहोर प्रशासन पर सवाल उठाया है, साथ ही सीएम शिवराज से भी कड़े सवाल पूछे हैं।

सीहोर में जो हुआ वह दुखी करने वाला

कैलाश विजयर्गीय ने पत्र में लिखा है कि 28 फरवरी को सीहोर में जो कुछ हुआ उससे बहुत ज्यादा दुख हुआ है। सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे सनातनियों को आघात पहुंचा है। कैलाश ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि विगत 17 वर्ष से आप प्रांत के मुखिया हैं। आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा।

इज्तिमा का हवाला देकर अपनी ही सरकार को घेरा

कैलाश ने आगे लिखा है कि भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना पड़ता है। लेकिन कभी ऐसा सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को रोक दिया गया है। क्या सीहोर का प्रशासन इतना नकारा था कि इस आयोजन की सूचना के बावजूद व्यवस्था नहीं जुटाई जा सकी? क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाा का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं का आवाजही भी रहेगी? क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि इतना बड़ा निर्णय कर ले?

शिवराज की छवि से भी जोड़ा

भाजपा के राष्ट्रीय महासिव ने आगे लिखा है कि शिवराज जी ऐसे ही अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि यह आपकी ही दूरदर्शिता थी कि अल्प समय में ही कुंडलपुर में आयोजित पंच कल्याण महोत्सव इस सदी का अभूतपूर्व आयोजन रहा। आपके ही कार्यकाल में सिंहस्थ जैसा भव्य और दिव्य आयोजन हुआ। शिवराज जी सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के चलते आपकी छवि पर असर पड़ा है। आपको भी यह सब बताने में कष्ट और पीड़ा हो रही है। सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ट साबित होगा यह कल्पना से परे है।

सीहोर प्रशासन मांगे कथावाचक से माफी

कैलाश विजयवर्गीय ने पत्र में आगे लिखा है कि मेरे और आप जैसे सनातनी तो शिव के अनुगामी हैं। भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे ही हम भी कर लेंगे। लेकिन शिवरात्रि के महापर्व पर देशभर से आए शिवभक्तों की क्या गलती थी? गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है। उन्होंने आगे लिखा है कि सीहोर प्रशासन को जाकर प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगनी चाहिए और कथा फिर से शुरू होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे और कथा फिर से शुरू हो, ऐसा प्रयास करेंगे।

क्या है पूरा मामला, क्यों विजयवर्गीय को करना पड़ा कठिन भाषा का इस्तेमाल

गौरतलब है कि भोपाल-इंदौर हाईवे पर सीहोर के पास चितावलिया में आज से पंडित प्रदीप मिश्रा की ओर से सात दिन का आयोजन होने वाला था। इसके पहले कल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण राज्य के इस बेहद अहम मार्ग पर करीब 40 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। हालात ऐसे हो गए कि कई स्थानों पर यातायात डायवर्ट करना पड़ा। लोग देर रात तक जाम में फंसे रहे। इसी बीच पंडित प्रदीप मिश्रा ने भावुक अंदाज में लोगों के बीच ये घोषणा की कि कुछ दबाव के चलते उन्हें कथा स्थगित करनी पड़ रही है और लोग अपने घर जाकर ऑनलाइन माध्यम से ही कथा सुनें। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए थे। वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पंडित प्रदीप मिश्रा से बात की थी।

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