कलबुर्गी विवाद: भाजपा ने मल्लिकार्जुन खरगे पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया

समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 8 सितंबर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर किसान का अपमान करने का आरोप लगाया है। मामला कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित जिले कलबुर्गी का है, जहां भाजपा ने आरोप लगाया कि खरगे ने किसानों से मिले संवाद में उनकी भावनाओं का मजाक उड़ाया।

वीडियो में क्या हुआ खुलासा?
एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे एक किसान से बातचीत कर रहे हैं। वीडियो में खरगे किसान से पूछते हैं, “तुमने कितने एकड़ में बोया है?” किसान जवाब देता है, “चार एकड़।” इसके जवाब में खरगे कहते हैं, “मेरा 40 एकड़ है। मेरा तुमसे भी बदतर है। तुम आकर मुझे बता रहे हो।”

खरगे ने आगे कहा कि प्रचार के लिए उनके पास न आएं और फसलों के नुकसान का हवाला देते हुए किसान को सलाह दी कि वे मोदी और शाह से पूछें। भाजपा ने इसे किसानों के प्रति असभ्यता और अपमानजनक व्यवहार बताया।

भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कांग्रेस और खरगे की आलोचना की। उन्होंने लिखा, “कांग्रेस किसानों का अपमान करती है! जो किसान खरगे के पास गए, उन्हें जाने को कहा गया और प्रचार के लिए मेरे पास आना बंद करो। कांग्रेस और राहुल गांधी हमारे किसानों से इतनी नफरत क्यों करते हैं?”

भाजपा का कहना है कि यह घटना साबित करती है कि कांग्रेस पार्टी किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती और केवल चुनावी प्रचार में उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती है।

कांग्रेस की स्थिति
इस मुद्दे पर अभी तक कांग्रेस की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी के भीतर यह चर्चा है कि वीडियो को राजनीतिक रूप से गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मल्लिकार्जुन खरगे का मकसद किसानों की समस्या पर संवाद करना था, न कि उन्हें अपमानित करना।

राजनीतिक विशेषज्ञों का विश्लेषण
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला चुनावी सियासत में कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव को और बढ़ाएगा। आगामी चुनावों में किसानों के मुद्दे हमेशा ही अहम रहते हैं, और इस तरह के विवाद पार्टी की छवि पर असर डाल सकते हैं।
कलबुर्गी में वायरल वीडियो ने किसानों और राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। भाजपा ने इस घटना का इस्तेमाल कांग्रेस की छवि को कमजोर करने के लिए किया है, जबकि कांग्रेस को सावधानीपूर्वक अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। आगामी चुनावी माहौल में इस विवाद का असर दोनों दलों की रणनीतियों पर पड़ सकता है।

 

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