समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली, 11 जून: दिल्ली के कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में चल रही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी बुधवार को उस वक्त विवादों में घिर गईं जब वह झुग्गियों में रहने वाले लोगों से मिलने पहुंचीं। पुलिस ने उन्हें मौके पर ही डिटेन (हिरासत में) कर लिया।
आतिशी का आरोप: “झुग्गीवासियों पर बीजेपी की गंदी नजर”
मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा,
“मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि दिल्ली की एक भी झुग्गी को तोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन अब उनकी गंदी नजर भूमिहीन कैंप की झुग्गियों पर पड़ी है। बीजेपी सरकार बुलडोजर चला रही है और गरीबों को सड़क पर बेसहारा छोड़ रही है।”
आतिशी ने यह भी कहा कि जनता बीजेपी की इस तानाशाही के खिलाफ विरोध कर रही है और आम आदमी पार्टी झुग्गीवासियों की आवाज को उठाती रहेगी।
डीडीए की कार्रवाई और जवाब
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए भूमिहीन कैंप में 900 से अधिक झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई शुरू की है। डीडीए के अनुसार, अब तक 1862 लोगों को फ्लैट दिए जा चुके हैं। नोटिस के माध्यम से निवासियों को तीन दिन में झुग्गियां खाली करने का निर्देश दिया गया था।
डीडीए का दावा है कि यह अभियान अवैध निर्माण हटाने और न्यायिक निर्देशों के पालन के तहत किया जा रहा है।
AAP का विरोध, बीजेपी पर सीधा हमला
आम आदमी पार्टी ने आतिशी को हिरासत में लिए जाने के बाद ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी करते हुए कहा:
“मद्रासी कैंप और वजीरपुर के बाद अब भूमिहीन कैंप में बुलडोजर चलाया जा रहा है। बीजेपी गरीबों को बेघर करना चाहती है लेकिन AAP ऐसा नहीं होने देगी। हम झुग्गीवासियों के हक की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेंगे।”
सीएम रेखा गुप्ता की सफाई: “झूठ फैलाने वालों पर होगी FIR”
इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक में कहा था कि,
“कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि सरकार बिना पुनर्वास के झुग्गियां तोड़ रही है। यह पूरी तरह गलत है। सरकार पहले पुनर्वास सुनिश्चित करेगी और उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।”
सीएम ने निर्देश दिए हैं कि झूठ फैलाने वालों पर FIR दर्ज की जाएगी।
स्थानीय निवासियों की चिंता
कालकाजी के भूमिहीन कैंप में सैकड़ों परिवार दशकों से रह रहे हैं। कई निवासियों का कहना है कि उन्हें बिना किसी ठोस पुनर्वास विकल्प के हटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नोटिस तो दिया गया, लेकिन रहने के लिए कोई वैकल्पिक जगह नहीं बताई गई।
कालकाजी के भूमिहीन कैंप पर चल रही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर जहां एक ओर प्रशासन कानूनी प्रक्रिया और पुनर्वास योजनाओं का हवाला दे रहा है, वहीं विपक्ष इसे गरीब विरोधी कार्रवाई बता रहा है।
आतिशी की डिटेंशन और आम आदमी पार्टी की आक्रामकता से यह साफ है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक तूल पकड़ सकता है।
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