समग्र समाचार सेवा
पटना, 10 जुलाई: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। 9 जुलाई को INDIA गठबंधन ने पटना से लेकर पूर्णिया तक चक्का जाम कर विरोध दर्ज कराया। इस विरोध की कमान खुद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने संभाली। महागठबंधन के नेता एक खुले ट्रक पर सवार होकर सड़क पर उतरे, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उस वक्त हुई जब कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को उसी मंच से उतार दिया गया।
गार्ड ने ट्रक से क्यों हटाया?
वायरल वीडियो में साफ दिखा कि जब पप्पू यादव और कन्हैया कुमार राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने पहुंचे तो सुरक्षा गार्डों ने उन्हें चढ़ने से रोक दिया। पप्पू यादव को तो धक्का मारकर पीछे कर दिया गया। इस घटनाक्रम ने बिहार के सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है कि आखिर कांग्रेस के नेता होकर भी इन दोनों को क्यों रोका गया?
प्रशांत किशोर का खुला बयान
इस पूरे विवाद पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ANI से बातचीत में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “कन्हैया कुमार कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली युवा नेता हैं, यही वजह है कि RJD को उनसे खतरा महसूस होता है।” प्रशांत किशोर ने कहा कि RJD नहीं चाहती कि कोई मजबूत चेहरा कांग्रेस में उभरे क्योंकि इससे गठबंधन में उनका दबदबा कमजोर हो सकता है।
कांग्रेस पर भी सवाल
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की बिहार में कोई जमीनी पकड़ नहीं है, वह वही करती है जो RJD कहती है।” उनके मुताबिक, महागठबंधन के भीतर सत्ता संतुलन बिगड़ा हुआ है और इस घटना ने सबके सामने असमानता उजागर कर दी है।
SIR पर भी उठाए सवाल
प्रशांत किशोर ने वोटर लिस्ट के SIR को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एक साल पहले ही लोकसभा चुनाव हुए थे, उसी वोटर लिस्ट से प्रधानमंत्री चुने गए। अब अचानक पूरी लिस्ट बदलने की क्या जरूरत पड़ी? प्रशांत किशोर ने मांग की कि विधानसभा चुनाव में भी वही वोटर लिस्ट इस्तेमाल की जाए, सिर्फ जरूरी बदलाव किए जाएं।
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