कारगिल विजय दिवस: द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि
26वें कारगिल विजय दिवस पर द्रास में कई कार्यक्रम आयोजित, बलिदान को किया गया याद।
समग्र समाचार सेवा
कारगिल, 26 जुलाई: देश आज 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है, इस अवसर पर लद्दाख के द्रास शहर में शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उपराज्यपाल और सेना की श्रद्धांजलि
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कारगिल संघर्ष के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “कारगिल विजय दिवस पर, मैं अपने शहीदों को नमन करता हूं और उनकी बहादुरी, साहस और बलिदान को सलाम करता हूं। हमारे नायकों ने दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में लड़ाई लड़ी और दुश्मन को परास्त किया। हमारे सैनिकों की वीरता, पराक्रम और सर्वोच्च बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
सेना की उधमपुर मुख्यालय वाली उत्तरी कमान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर अपने बहादुर जवानों को याद किया, “जैसे ही भारत 26वां #कारगिलविजयदिवस मना रहा है, #उत्तरीकमान ने मार्मिक आयोजनों की एक श्रृंखला के माध्यम से हमारे सैनिकों की अटूट बहादुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की।” उत्तरी कमान ने आगे कहा कि साइकिलिंग अभियानों से लेकर मैराथन तक, क्रिकेट टूर्नामेंट से लेकर वीर गाथा पहलों तक और साहसिक ट्रेक से लेकर युद्ध चोटियों तक, हर एक कार्य हमारी सशस्त्र सेनाओं की अदम्य भावना का सम्मान करता है। उन्होंने बताया, “कार्रवाई में शहीद हुए कारगिल नायकों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए विशेष समारोह आयोजित किए गए, जिसमें उनके सर्वोच्च बलिदान को स्वीकार किया गया। ये आयोजन हमारे राष्ट्र के नायकों को परिभाषित करने वाले साहस, लचीलेपन और देशभक्ति का प्रमाण हैं।”
केंद्रीय मंत्री और सेना प्रमुख भी हुए शामिल
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को द्रास में कारगिल विजय दिवस समारोह में भाग लिया। सेना द्वारा कारगिल जिले में आज तीन परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी, जिसमें एक पोर्टल शामिल है जहां नागरिक शहीदों को ‘ई-श्रद्धांजलि’ अर्पित कर सकते हैं। दोनों केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को कारगिल शहर पहुंचे थे और सांस्कृतिक तथा अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए थे।
‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता और पदयात्रा
1999 में आज ही के दिन, सेना ने लगभग तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ‘ऑपरेशन विजय’ की सफल समाप्ति की घोषणा करते हुए जीत का ऐलान किया था।
केंद्रीय खेल मंत्री ने आज द्रास में 1,000 से अधिक युवा स्वयंसेवकों, दिग्गजों, सशस्त्र बलों के कर्मियों, शहीद सैनिकों के परिवारों और नागरिक समाज के सदस्यों को शामिल करते हुए एक ‘पदयात्रा’ का नेतृत्व किया। 1.5 किलोमीटर लंबी यह पदयात्रा सुबह 7:00 बजे द्रास के हिमबास पब्लिक हाई स्कूल के मैदान से शुरू हुई और भीमबेट के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के मैदान में समाप्त हुई।
नई परियोजनाएं और रणनीतिक महत्व
युद्ध के दिग्गज, युद्ध नायकों के परिवार और कई गणमान्य व्यक्ति आज द्रास शहर में चल रहे समारोहों में भाग ले रहे हैं। “इंडस व्यूप्वाइंट” तीसरी परियोजना है जिसका आज उद्घाटन किया जा रहा है। यह आगंतुकों को बटालिक सेक्टर में एलओसी तक जाने की अनुमति देगा। यह परियोजना आगंतुकों को उन स्थितियों के बारे में जानकारी देगी जिनमें सैनिक सेवा करते हैं, और राष्ट्र को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें दिन-प्रतिदिन जिन कठिनाइयों और लगातार खतरों का सामना करना पड़ता है।
समुद्र तल से 10,000 फीट ऊपर स्थित बटालिक, कारगिल, लेह और बाल्टिस्तान के बीच अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण कारगिल युद्ध का केंद्र बिंदु था। सिंधु नदी घाटी में स्थित यह छोटा सा गाँव अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है।
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