कर्नाटक विधानसभा में गूंजा आरएसएस गीत: भगदड़ पर चर्चा के बीच शिवकुमार का चौंकाने वाला कदम

समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 22 अगस्त: कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को उस समय अप्रत्याशित माहौल बन गया जब उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रार्थना “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे…” की पंक्तियाँ गाना शुरू कर दीं। यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब सदन में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ की घटना पर चर्चा चल रही थी।

चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़: 11 की मौत

यह भगदड़ आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान आयोजित कार्यक्रम में हुई थी। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि डी.के. शिवकुमार ने भीड़ को उकसाने का काम किया था क्योंकि वे बेंगलुरु हवाई अड्डे पर आरसीबी टीम का स्वागत करने गए थे और कन्नड़ झंडा लहराते हुए स्टेडियम तक यात्रा की थी।

भाजपा के आरोपों पर शिवकुमार का जवाब

आरोपों के बीच शिवकुमार ने स्पष्ट किया,
“मैं कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का सदस्य हूँ। वहाँ के सचिव मेरे मित्र हैं। मैं बेंगलुरु का प्रभारी मंत्री हूँ और मैंने वही किया जो मेरी ज़िम्मेदारी थी।”

उन्होंने आगे कहा कि दुर्घटनाएँ अन्य राज्यों में भी होती हैं और यदि आवश्यकता पड़ी तो वह उनकी सूची सदन में प्रस्तुत करेंगे। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि इस घटना के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और पुलिस अधिकारियों तथा रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) प्रबंधन के खिलाफ कदम उठाए।

सदन में गूंजा आरएसएस गीत

जब भाजपा विधायक आर. अशोक ने उन्हें यह याद दिलाया कि वे कभी खुद कहते थे कि “मैं आरएसएस की चड्डी पहनता हूँ”, तो शिवकुमार मुस्कुराए और आरएसएस की प्रार्थना गाना शुरू कर दिया

इस पर विपक्ष की ओर से मेजें थपथपाकर स्वागत किया गया, जबकि कांग्रेस खेमे में कुछ देर सन्नाटा छा गया। भाजपा विधायक वी. सुनील कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि, “उम्मीद है यह पंक्तियाँ सदन की कार्यवाही से नहीं हटाई जाएंगी।”

सियासी मायने

शिवकुमार का यह कदम राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक ओर वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं, वहीं दूसरी ओर आरएसएस की प्रार्थना गाकर उन्होंने विपक्ष को चौंका दिया। भाजपा इसे अपनी जीत के रूप में देख रही है, जबकि कांग्रेस खेमे में असहजता साफ झलक रही है।

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह शिवकुमार की रणनीतिक चाल हो सकती है, जिससे वे भाजपा के हमले को कमजोर करने और खुद को ‘सर्वजन स्वीकार्य’ नेता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं।

चिन्नास्वामी स्टेडियम की भगदड़ एक गंभीर हादसा थी, लेकिन विधानसभा की कार्यवाही में आरएसएस प्रार्थना गाने की घटना ने राजनीतिक माहौल बदल दिया। आने वाले दिनों में यह देखने लायक होगा कि कांग्रेस और भाजपा इस मुद्दे को कैसे भुनाते हैं और क्या इसका असर आगामी कर्नाटक राजनीति पर पड़ता है।

 

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