कर्नाटक सरकार का ‘रक्षाबंधन’ पर मह‍िलाओं को बड़ा तोहफा, आज से हर माह मिलेंगे 2000 रुपये

समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरु, 30अगस्त। कर्नाटक सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और जेंडर इक्वलिटी को बढ़ावा देने के लिए रक्षाबंधन के मौके पर गृह लक्ष्मी योजना की शुरुआत की। इस योजना की शुरुआत बुधवार 30 अगस्त को मैसुरू शहर में की गई। इसके तहत लाभार्थियों को हर महीने 2-2 हजार रुपये दिए जाएंगे।
कर्नाटक सरकार की इस स्कीम की शुरुआत लोकसभा सांसद एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस योजना का वादा किया था। इस तरह से सिद्धरमैया की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने अपना एक और चुनावी वादा पूरा किया है। योजना के तहत राहुल गांधी ने आज पात्र महिलाओं के बैंक खाते में डाइरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए पैसे भेजकर इसकी शुरुआत की।

इतनी महिलाओं को मिलेगा लाभ
कर्नाटक सरकार की गृह लक्ष्मी योजना के तहत उन परिवारों को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिनकी मुखिया महिला हैं। इस योजना से राज्य की 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एक दिन पहले मंगलवार को कहा था कि राज्य के गरीब परिवारों की करीब 1.1 करोड़ महिला मुखिया को हर महीने 2-2 हजार रुपये दिए जाएंगे।

कर्नाटक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में गृह लक्ष्मी कार्यक्रम के लिए 17,500 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। गृह लक्ष्मी योजना कांग्रेस की उन 5 गारंटियों में से एक है, जिनके वादे चुनाव से पहले किए गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने पांच गारंटियों में से तीन शक्ति, गृह ज्योति और अन्न भाग्य को पहले ही लागू कर दिया है। गृह लक्ष्मी योजना चौथी गारंटी है।पांचवीं गारंटी युवा निधि है, जिसके तहत राज्य के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया है। कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल का दावा है कि यह महिलाओं के लिए दुनिया की सबसे बड़ी कल्याणकारी योजना है।

कैसे कराना होगा रजिस्ट्रेशन
इस योजना के लिए पात्र महिलाओं पहले पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं।ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य सरकार की ओर से पोर्टल की शुरुआत की गई है। रजिस्ट्रेशन करने के बाद वेरिफिकेशन होगा और जानकारियां सही पाए जाने के बाद सरकार की ओर से मिलने वाली मदद का लाभ मिलने लगेगा।

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