कर्नाटक के मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को ‘कालिया कुमारस्वामी’ कहा, JDS ने दी नस्लीय टिप्पणी की चेतावनी और इस्तीफा मांगा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 नवम्बर। कर्नाटक में सत्तारूढ़ जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) और केंद्र सरकार के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता के.जे. जॉर्ज ने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की है, जिसे जेडीएस ने नस्लीय टिप्पणी करार दिया और केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा मांग लिया है। जॉर्ज ने केंद्रीय मंत्री जोशी को ‘कालिया कुमारस्वामी’ कहा, जो कि पूर्व कर्नाटका मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ एक नकारात्मक संदर्भ में इस्तेमाल किया गया शब्द था।

यह बयान कर्नाटक में सियासी गर्मी को और बढ़ा सकता है, जहां पहले से ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। जेडीएस ने इस टिप्पणी को नस्लीय और अपमानजनक करार देते हुए केंद्रीय मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि ऐसी टिप्पणियाँ राज्य के राजनीतिक माहौल को खराब करने के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकती हैं।

जेडीएस के प्रवक्ता ने कहा, “यह बयान न केवल अनौपचारिक और अपमानजनक है, बल्कि यह साफ तौर पर नस्लीय पूर्वाग्रह को दर्शाता है। किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह की टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जा सकती। हम मांग करते हैं कि केंद्रीय मंत्री तुरंत माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।”

इस बीच, जॉर्ज ने अपनी टिप्पणी पर किसी प्रकार का खेद नहीं व्यक्त किया, बल्कि उन्होंने इसे सिर्फ एक राजनीतिक बयान बताया। हालांकि, इस विवाद ने कर्नाटक में राजनीति को और ज्यादा उकसा दिया है, जहां पहले से ही कई मुद्दों पर विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है।

कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं ने इस बयान को मुख्यमंत्री के खिलाफ राजनीतिक हमला मानते हुए इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों पार्टियों ने इस टिप्पणी को न केवल राजनीति से जुड़ा, बल्कि राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक भावना के खिलाफ भी बताया।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार और उनके नेताओं को कर्नाटक के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस प्रकार के अनावश्यक विवादों में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

इस पूरे विवाद ने कर्नाटक की राजनीति में नई गर्मी ला दी है, और यह देखा जाना बाकी है कि क्या केंद्रीय मंत्री इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हैं या इसे नजरअंदाज कर जाते हैं। साथ ही, यह भी साफ नहीं है कि जेडीएस और कांग्रेस की ओर से की गई माफी और इस्तीफे की मांग कब तक जारी रहेगी।

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