समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11जून। दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच राशन की होम डिलीवरी को लेकर तकरार जारी है। जहां राजधानी में कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत देखी गई वहीं दिल्ली सरकार का राज्य में घर-घर राशन पहुंचाने की बात जुमला माना जा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल हर घर अन्न की बात कर रहे हैं। वह ऑक्सीजन पहुंचा नहीं सके, मोहल्ला क्लीनिक से दवा तो पहुंचा नहीं सके। हर घर अन्न भी एक जुमला है। दिल्ली सरकार राशन माफियाओं के कंट्रोल में है। देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया। सिर्फ तीन प्रदेशों असम, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने इसे लागू नहीं किया। अरविंद केजरीवाल आपने दिल्ली में वन नेशन वन राशन कार्ड लागू क्यों नहीं किया, आपको क्या परेशानी है?
रविशंकर प्रसाद ने केजरीवाल सरकार निशाना साधते हुए आगे कहा कि ये होम डिलीवरी देखने में बहुत अच्छी लगती है, लेकिन इसके थोड़ा अंदर जाओ तो इसमें स्कैम के कितने गोते लगेंगे ये समझ में आ जाएगा। आप अपना प्रस्ताव भेजें या भारत सरकार से जो अनाज जाता है उसी पर खेल खेलेंगे। दिल्ली की राशन की दुकानों में अप्रैल 2018 से अब तक पीओएस मशीन का प्रमाणीकरण शुरु क्यों नहीं हुआ? अरविंद केजरीवाल जी एससी-एसटी वर्ग की चिंता नहीं करते हैं, प्रवासी मजदूरों की चिंता भी नहीं करते हैं, गरीबों की पात्रता की भी चिंता नहीं करते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि भारत सरकार देश भर में 2 रुपये प्रति किलो गेहूं, 3 रुपये प्रति किलो चावल देती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले साल की तरह इस बार भी नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। चावल का खर्चा 37 रुपये प्रति किलो होता है और गेहूं का 27 रुपये प्रति किलो होता है। भारत सरकार सब्सिडी देकर प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से बांटने के लिए अनाज देती है। भारत सरकार सालाना करीब 2 लाख करोड़ रुपये इसमें खर्च करती है। वन नेशन, वन राशन कार्ड भारत सरकार द्वारा बहुत महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है। देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना चल रही है। अभी तक इस पर 28 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजेक्शन हुए हैं।
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