खड़गे ने SIR के विरोध मे INDIA सांसदों के साथ संसद स्थल पर दिया प्रदर्शन, EC पर लोकतंत्र पर हमला का आरोप
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 जुलाई: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को संसद के मकर द्वार पर चल रहे भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) के सांसदों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जो मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ बिहार में चुनाव से पहले जोर पकड़ रहा है। यह विरोध प्रदर्शन लगातार पाँचवाँ दिन भी जारी रहा, जिसमें वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भागीदारी की।
संसद परिसर में मार्च और नारेबाज़ी
Congess, Samajwadi Party सहित INDIA ब्लॉक के सांसद गांधी प्रतिमा से संसद भवन तक मार्च करते हुए पहुँचे। हाथों में बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर थे जिन पर लिखे थे: “SIR – लोकतंत्र पर हमला”। सांसदों ने उच्च स्वर में नारे लगाए जैसे “Modi sarkar down down” और “Stop the attack on democracy”। प्रतीकात्मक रूप से, सांसदों ने पोस्टर फाड़कर SIR प्रक्रिया को पूरी तरह खारिज किया।
खड़गे का भाषण—स्पष्ट विरोध
प्रदर्शन में शामिल होने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा:
“हम इसी (विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन) के खिलाफ लड़ रहे हैं।”
उनकी उपस्थिति ने विरोध प्रदर्शन में राजनीतिक गंभीरता और वजन दोनों जोड़ दिए।
प्रियंका गांधी की मांग—पारदर्शिता ज़रूरी
Wayanad की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अद्यतन मतदाता सूची उपलब्ध नहीं कराई जा रही। उन्होंने कहा:
“उन्हें आरोपों का जवाब देना चाहिए… हमें मतदाता सूची उपलब्ध करवानी चाहिए… पारदर्शिता होनी चाहिए, यह लोकतंत्र है।”
उनके बयान दर्शाते हैं कि विपक्ष को चुनाव से पहले ECI द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी जानकारी नहीं मिल रही है।
राहुल गांधी की चेतावनी—EC को सख्त संदेश
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को कड़ा संदेश देते हुए कहा:
“अगर आपको लगता है आप इससे बच निकलेंगे… तो आप गलत सोच रहे हैं। हम आपके पीछे आएंगे।”
उन्होंने कर्नाटक में मतदाता सूची पर ECI पर “धोखाधड़ी” का गंभीर आरोप लगाया।
चुनाव आयोग ने तेज जवाब दिया और कहा कि कर्नाटक से जुड़ी शिकायतों पर हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार हो रहा है। साथ ही, कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि पिछली सूची संशोधन प्रक्रिया के दौरान कोई शिकायत नहीं मिली कि किसी के नाम गलत तरीके से हटाये या जोड़े गए।
SIR पर विपक्ष का आरोप: वोटर उत्पीड़न का प्रयास
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है और इसमें जाली तरीकों से विशेषकर हाशिए पर रहने वाले समुदायों को मतदाता सूची से बाहर किया जा रहा है। यह आरोप उस समय उठाए जा रहे हैं जब बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, जिससे मतदाता संख्या में कमी का प्रभाव चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है।
विरोधियों का मानना है कि SIR एक सामान्य मतदाता सूची अद्यतन से अधिक कठोर प्रक्रिया है, जिसमें पारदर्शिता की कमी है। आरोपों में गलत नाम हटाने और चयनात्मक वोटर निष्कासन जैसे मामलों की गूंज है। चुनाव आयोग से तत्काल सूची की उपलब्धता और स्पष्ट निगरानी की मांग की जा रही है।
लोकतंत्र की परीक्षा—बिहार चुनाव से पहले
राजनीतिक पार्टियों को अद्यतित मतदाता सूची उपलब्ध न कराए जाने से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास टूटने का जोखिम है। लोकतंत्र में सटीक चुनावी डेटा तक पहुंच बेहद महत्वपूर्ण होती है। INDIA गठबंधन की पारदर्शिता की मांग यह दर्शाती है कि अब लोकतांत्रिक संस्थान और राजनीतिक दलों के बीच विश्वसनीयता का संघर्ष गहराता जा रहा है।
बिहार चुनाव की तैयारियों के बीच यदि SIR प्रक्रिया बिना उचित निष्पक्ष समीक्षा के आगे बढ़ती है, तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।
लोकतंत्र का मोड़—संकटकाल खड़ा है
मल्लिकार्जुन खड़गे की इस विरोध प्रदर्शन में भागीदारी ने इसे अधिक राजनीतिक गंभीर बना दिया है। INDIA सांसद दिल्ली में लोकतंत्र के केंद्र में खड़े हैं—क्या चुनाव आयोग लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगा और मतदाता सूची को खुलासा करेगा, या जनता की नजरों में अपनी विश्वसनीयता खो देगा?
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.