खटीमा विधायक पुष्कर सिहं धामी बने उत्तराखंड के नए सीएम

समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 3जुलाई।  उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन बनने जा रहा है इस पर आज भाजपा विधायक दल की बैठक में तस्वीर साफ गयी है। खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी को प्रेदश के 11वें सीएम के रूप में नियुक्त कर लिया गया है। बस अब राजतिलक होना बाकी है।

बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक एनएस तोमर और डी पुरंदेश्वरी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और सभी विधायक मौजूद रहे। ऊधमसिंहनगर जिले की खटीमा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे पुष्कर सिंह धामी लगातार दो बार से विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी में अन्य पदों पर कार्य कर चुके हैं। धामी राज्य के 11 वें और सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे।

पुष्कर सिंह धामी

जीवन परिचय, मा0 विधायक, पुष्कर सिंह धामी, 70 विधान सभा क्षेत्र, खटीमा, ऊधमसिंह नगर (उत्तराखण्ड)

देव भूमि उत्तराखण्ड प्रदेश के अति सीमान्त जनपद पिथौरागढ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडी हाट में जन्म हुआ। सैनिक पुत्र होने के नाते राष्ट्रीयता, सेवा भाव एवं देशभक्ति को ही धर्म के रूप में अपनाया। आर्थिक आभाव में जीवन यापन कर सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। तीन बहनों के पश्चात अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियाॅ हमेशा बनी रही।

1.विधान सभा का नाम : 70, विधान सभा क्षेत्र, खटीमा

2.माता का नाम : श्रीमती विश्ना देवी

3.पत्नी का नाम : श्रीमती गीता धामी

4.शैक्षिक योग्यता : (क) शैक्षणिक योग्यता – स्नातकोत्तर
(ख) व्यावसायिक – मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर

5.जन्म तिथि : 16.09.1975

6.राजनितिक दल का नाम : भारतीय जनता पार्टी

 

प्रारंभिक जीवन:- माता जी का एक धर्मपरायण, मृदुभाषी एवं अपने परिवार के प्रति समर्पित धरेलू महिला होने तथा पिता की सैनिक होने के कारण देश की सरहद पर हर पल तन-मन न्यौछावर करने की दशा भक्ति की प्ररेणा से ओत-प्रोत वाल्य मन-मस्तिष्क में सदैव देश एवं प्रदेश के लिए कुछ कर गुजरने की ललक के कारण बचपन से ही स्काउट गाइड, एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 इत्यादी शाखाओं में प्रतिभाग एवं समाजिक कार्यो को करने की भावना तथा ’’संधे शक्ति कलयुगें’’ के मूलमंत्र के आधार पर छात्र शक्ति को उनके हकों एवं उत्थान के लिए एक जुट करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडने के मुख्य कारक रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों को एक जुट करके निरन्तर संधर्षशाील रहते हुए उनके शैक्षिणक हितों की लडाई लडते हुए उनके अधिकार दिलाये गये तथा शिक्षा व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी से जुडने का कारण भी राष्ट्रीयता, देशभक्ति, कमजोर एवं युवा बेरोजगार के प्रति कुछ कर गुजरने की भावना रही। यही राजनिति में आने का उदे्श्य रहा।

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