किरण रिजिजू ने लॉन्च किया ‘उम्मीद पोर्टल’, वक्फ संपत्तियों का होगा डिजिटल रजिस्ट्रेशन, पारदर्शिता और विकास को मिलेगा बढ़ावा

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 6 जून: देश में वक्फ संपत्तियों के डिजिटल प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को ‘उम्मीद पोर्टल’ (UMEED Portal) का शुभारंभ किया। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और तकनीकी प्रबंधन के लिए एक सेंट्रल डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां देशभर की वक्फ प्रॉपर्टीज को 6 महीनों के भीतर अनिवार्य रूप से रजिस्टर किया जाना होगा।

क्या है उम्मीद पोर्टल?

‘उम्मीद’ पोर्टल का पूरा नाम है — Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development (UMEED), जो कि वक्फ अधिनियम 1995 के तहत बनाया गया है। यह पोर्टल OTP आधारित डिजिटल वेरिफिकेशन के साथ, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की पारदर्शी प्रणाली प्रदान करेगा।

पोर्टल के माध्यम से हर वक्फ संपत्ति को एक 17 अंकों की यूनिक ID दी जाएगी, और इसके लिए तीन स्तरों पर वैरिफिकेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी —

  1. Maker: वक्फ प्रॉपर्टी का मुतवल्ली
  2. Checker: जिला स्तर पर नामित अधिकारी
  3. Approver: वक्फ बोर्ड का CEO या अधिकृत अधिकारी

किरण रिजिजू ने मुसलमानों को दी बधाई

पोर्टल के लॉन्च के अवसर पर किरण रिजिजू ने कहा,

“मैं वक्फ संपत्तियों से जुड़े लोगों और देश के सभी मुसलमानों को इस ऐतिहासिक कदम पर बधाई देता हूं। यह पोर्टल गरीबों, विधवाओं और यतीमों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।”

उन्होंने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी की संख्या लगभग 9 लाख है, लेकिन लोगों को इसकी पूरी जानकारी नहीं थी।

“अब इन संपत्तियों का सही प्रबंधन होगा और किसी तरह का कब्जा या अनियमितता नहीं हो सकेगी।

विरोध करने वालों को लोकतांत्रिक अधिकार: रिजिजू

विपक्ष और कुछ संगठनों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर किरण रिजिजू ने कहा,

“विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन ये विरोध जानकारी के अभाव या राजनीतिक कारणों से हो सकता है। इस पोर्टल में प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास’ का विजन झलकता है।”

उन्होंने बताया कि लोगों को इस नई प्रणाली को समझाने के लिए सरकार जनजागरूकता कार्यक्रम भी चलाएगी।

6 महीने में अनिवार्य रजिस्ट्रेशन, नहीं तो ट्रिब्यूनल का रास्ता

सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी वक्फ प्रॉपर्टीज को 6 महीने के भीतर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। जो संस्थाएं ऐसा नहीं करेंगी, उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल का सामना करना पड़ सकता है।

इसके साथ ही पोर्टल पर IT एक्ट के तहत सुरक्षा प्रावधान, सेंट्रल हेल्पलाइन, और डिजिटल वेरिफिकेशन प्रोसेस जैसे तकनीकी उपाय भी अपनाए गए हैं ताकि डेटा की सुरक्षा बनी रहे।

उम्मीद पोर्टल के लाभ

  • वक्फ संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग और ट्रैकिंग
  • कब्जा और धोखाधड़ी पर रोक
  • गरीब, विधवा और जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय को संपत्तियों से प्रत्यक्ष लाभ
  • पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित
  • वक्फ बोर्ड की प्रभावशीलता और संचालन क्षमता में वृद्धि

‘उम्मीद पोर्टल’ का लॉन्च एक क्रांतिकारी पहल है जो न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को तकनीकी बनाएगा बल्कि इससे मुस्लिम समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी नई ऊर्जा आएगी। सरकार इसे संविधानिक और समावेशी पहल बता रही है, जो प्रधानमंत्री के विकास और विश्वास के सिद्धांत पर आधारित है।

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किरण रिजिजू ने लॉन्च किया ‘उम्मीद पोर्टल’, वक्फ संपत्तियों का होगा डिजिटल रजिस्ट्रेशन

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