किसान आंदोलन: किसानों से केंद्रीय मंत्री तोमर ने की अपील, निरस्त करने के अलावा विकल्प बताएं किसान यूनियन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18जनवरी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसानों से तकरार को दूर करने की अपील की है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की पर अड़े किसान यूनियनों के साथ 19 जनवरी को होने वाली अगले दौर की वार्ता से पहले कृषि मंत्री ने रविवार को कहा कि कानूनों को निरस्त करने के अलावा अगर यूनियन कोई विकल्प बताएं तो उस पर सरकार विचार करेगी।
तो वहीं देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 53दिन से किसान आंदोलन जारी है और किसान यूनियनों का कहना है कि आंदोलन तेज करने को लेकर उनके पूर्व घोषित सारे कार्यक्रम आगे जारी रहेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अगले दौर की वार्ता में किसान यूनियन तीनों कृषि कानूनों पर बिंदुवार चर्चा कर अपनी आपत्ति बताएं तो सरकार उस पर विचार करेगी। उन्होंने कहा, कानून को निरस्त करने के अलावा किसान जो भी विकल्प सुझाएंगे सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी।
कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार लाने के मकसद से केंद्र सरकार ने कोरोना काल में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 लाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया, लेकिन सरकार ने किसान यूनियनों के साथ बातचीत का मार्ग खुला रखा है।
सरकार की तरफ से वार्ता की अगुवाई कर रहे केंद्रीय कृषि मंत्री बार-बार दोहरा चुके हैं कि देश के किसानों के हितों में जो भी प्रावधान उचित होंगे सरकार उन्हें नये कानून में शामिल करने पर विचार करेगी। मगर, किसान यूनियनों के नेता कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार ने कहा है कि वह किसानों की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने भी अपना पक्ष रखने को तैयार है। जबकि प्रदर्शनकारी किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के पास जाने को तैयार नहीं है।
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