देश में तीसरी लहर की दस्तक, मात्र 2 राज्यों में 90 हजार बच्चे कोरोना संक्रमित

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जून। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर खत्म हुआ नही की तीसरी लहर के लिए भी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दे दी। ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे। दूसरी लहर में देश में पहले से ही तबाही मचा रखी है ऐसे में तीसरी लहर को लेकर कई राज्यों ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि जो परिस्थिति दूसरी लहर में पैदा हुआ, वैसी स्थिति दोबारा न देखने को मिले।

लेकिन ऐसा लगता है देश में तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी है। जानकारी के मुताबिक देश के दो राज्यों में कोरोना ने 90 हजार बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है। आंकड़ों में सामने आया है कि अप्रैल-मई 2021 के दौरान देश के महज 2 राज्यों में 90 हजार बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अगर केवल 2 राज्यों में कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या 90 हजार है तो अन्य राज्यों में ये आंकड़े क्या होंगे।
आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र के अहमदनगर में केवल मई 2021 के दौरान करीब 9 हजार बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं। ये आंकड़े सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं। इतनी अधिक संख्या में बच्चों के संक्रमित होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर के खतरे की घंटी बज चुकी है। ऐसे में राज्य सरकार ने इस लहर से निपटने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
वहीं, दूसरी ओर तेलंगाना स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में इस साल मार्च से मई 2021 तक कुल 37 हजार 332 बच्चे कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें नवजात से लेकर 19 साल तक की उम्र के बच्चे शामिल हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान 15 अगस्त से 15 सितंबर 2020 के बीच भी 19 हजार 824 बच्चे करोना पॉजिटिव पाए गए थे।

इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी 18 साल से कम उम्र के 54 हजार बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें संक्रमण की दर 6.9 फीसदी रही। इनमें से 12 हजार को अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है। यह आंकड़े पहली और दूसरी लहर के दौरान का है।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 2 हजार 699 बच्चे संक्रमित हुए हैं। इनमें से 32 फीसदी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि 58 फीसदी घर पर ही रहकर कोरोना से रिकवर हो गए। इसके अलावा 660 बच्चे होम आइसोलेशन में हैं। आंकड़ों के अनुसार, अब तक 72 फीसदी बच्चों के कोरोना को मात दे दी है।

जानकारों का कहना कि अगर कोरोना वायरस की तीसरी लहर का असर बच्चों पर पड़ा तो हालात बद से बदत्तर हो सकते हैं। क्योंकि बच्चों के इलाज के लिए खास आईसीयू (पीआईसीयू) की आवश्यकता होती है, जो कि देश के चुनिंदा शहरों में ही हैं। ऐसे यह बहुत जरूरी हो जाता है कि लोग अब पहले से कही ज्यादा सावधानी बरते। ज्यादा से ज्यादा अपने घरों में ही रहे, जरूरत पड़ने पर घर से बाहर निकले साथ ही मास्क और दो गज की दूरी का ध्यान रखे। अपने साथ साथ बच्चों का भी बेहद ध्यान रखें।

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