समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 फरवरी। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस बार विधानसभा चुनावों में कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया था। यह फैसला पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य एंटी-इंकम्बेंसी (सत्ता विरोधी लहर) को मात देना और जीत की संभावनाओं को बढ़ाना था। लेकिन सवाल यह है कि जिन सीटों पर AAP ने नए उम्मीदवार उतारे, वहां पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहा? क्या यह रणनीति सफल रही या इसका उल्टा असर पड़ा?
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