कोलकाता में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ का ट्रेलर रोका गया

समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 17 अगस्त: फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की नई फिल्म द बंगाल फाइल्स का ट्रेलर शनिवार को कोलकाता के एक लग्जरी होटल में लॉन्च होना था। लेकिन पुलिस हस्तक्षेप के बाद यह कार्यक्रम रोक दिया गया। फिल्म 1946 के कलकत्ता दंगों की पृष्ठभूमि पर आधारित है और रिलीज से पहले ही सियासी बवंडर खड़ा कर चुकी है।

राजनीतिक विवाद तेज

फिल्म को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मच गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक वरिष्ठ नेता, जो खुद भी अभिनेता रह चुके हैं, ने कहा,
“यह संभावना नहीं है कि अग्निहोत्री की फिल्म बंगाल में रिलीज होगी। वह हमेशा विवाद खड़े करते हैं। उनकी पिछली फिल्म कश्मीर फाइल्स ने मुस्लिम विरोधी भावनाओं को भड़काया था, और बंगाल में यह काम नहीं करेगा।”

तृणमूल कांग्रेस का यह रुख साफ करता है कि फिल्म को यहां राजनीतिक और सामाजिक विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

विवेक अग्निहोत्री का पलटवार

ट्रेलर लॉन्च रोके जाने के बाद विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर (X) पर लिखा,
“दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि आज पश्चिम बंगाल पुलिस ने ‘शीर्ष अधिकारियों’ के आदेश पर द बंगाल फाइल्स का ट्रेलर अवैध रूप से रोका। पहले थिएटर, अब निजी होटल।”

उन्होंने आगे सवाल उठाया,
“किसे हिंदू नरसंहार का सच डराता है? टैगोर और विवेकानंद की भूमि पर लोकतंत्र मर चुका है। ट्रेलर पूरे देश में देखा जा रहा है, लेकिन चूंकि यह बंगाल पर आधारित है, इसलिए इसका लॉन्च यहीं करना चाहते थे। क्या आप इतिहास को बदलना चाहते हैं?”

अग्निहोत्री ने इसे “बंगाल को फिर से विभाजित करने की साजिश को नजरअंदाज करने का प्रयास” बताया।

‘सत्य से डर क्यों?’ – अनुपम खेर

फिल्म में महात्मा गांधी की भूमिका निभा रहे दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“द बंगाल फाइल्स केवल सच बताती है। सच से डर क्यों? यह फिल्म इतिहास का वह पहलू दिखाती है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।”

खेर के इस बयान से साफ है कि फिल्म के निर्माता और कलाकार इसे सत्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला मान रहे हैं।

क्या है फिल्म की कहानी?

द बंगाल फाइल्स 1946 के कलकत्ता दंगों पर आधारित है। इन दंगों में हजारों लोगों की जान गई थी और बंगाल की राजनीति और समाज पर गहरा असर पड़ा था। फिल्म में उस दौर की घटनाओं को गोपाल मुखर्जी जैसे नेताओं की प्रतिक्रिया और हिंदू समाज पर हुए अत्याचारों के संदर्भ में दिखाया गया है।

अग्निहोत्री का दावा है कि यह फिल्म किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि इतिहास के दबे हुए सच को उजागर करने का प्रयास है।

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द बंगाल फाइल्स रिलीज से पहले ही भारी विवाद में घिर चुकी है। तृणमूल कांग्रेस और बंगाल सरकार इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला कदम मान रही है, जबकि फिल्म निर्माता और कलाकार इसे “सत्य का दस्तावेज” बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि फिल्म को बंगाल में रिलीज की अनुमति मिलती है या राजनीतिक अड़चनें इसका रास्ता रोक देती हैं।

 

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