कोरोना दवाई विरोध को लेकर सपा- कांग्रेस की जग हंसाई …

कुमार राकेश
कुमार राकेश

*कुमार राकेश

कोरोना दवाई विरोध को लेकर केंद्र सरकार की वेक्सिन पर कथित राजनीति की जा रही हैं.विरोध के नाम पर मोदी सरकार का विरोध किया जा रहा है.पता नहीं विदेश में पढ़े लिखे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व देश के युवा नेता कहे जाने वाले अखिलेश यादव को क्या हो गया है? वह कोविड 19 को खत्म करने वाले उस दवाई का विरोध कर रहे हैं ,जिससे भारत के सह पूरे विश्व का कल्याण होने वाला है .पूरे ब्रह्माण्ड पर त्राहि- माम, त्राहि-माम मचा हुआ है .भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के अभिभावकत्व में देश के महान वैज्ञानिकों ने जो वेक्सिन- दवाई को ईजाद किया है,उसके लिए उन सभी को जितना सम्मान दिया जाये वो कम है .मेरे विचार से उनके लिए देश के सभी पुरस्कार,सम्मान न्योछावर कर दिए जाये तो वो भी कम है .धन्य है हमारा भारत देश,जहाँ ऐसे सपूतों ने जन्म लिया.ऐसे सपूतों को सम्मान देने के स्थान पर भारत के एक कपूत अखिलेश यादव अपनी राजनीति चमकाने की जुगत में है,जो अब नहीं चमकेगी.कहते हैं न जान हैं तो जहान  हैं.

2014 के बाद भारत में भांति-भांति प्रकार की राजनीति हो रही है.की जा रही हैं.लेकिन वो सब के सब मोहरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के पास आते आते ही वायु में विलीन हो जाते हैं .मेरे विचार से इसकी एक ही वजह हो सकती है कि उसमे उन नेताओ का निहित स्वार्थपरक  एजेंडा ज्यादा,आम जनता से जुड़ा मसला कम है.

अब अखिलेश यादव के इस नए एजेंडे को ही देखा जाये.श्री यादव और उनके लोग मुसलमान के नाम पर फिर से एक नयी राजनीति खेलना चाहते है .पर लगता है कि अब उनकी दाल नहीं गलने वाली.कोरोना की दवाई को लेकर अखिलेश अपने कथित मुसलमान वोट बैंक को भरमाने की कोशिश में हैं.उनके बयान से  साफ़ लगता हैं कि कोरोना की इस शोध परक दवाई कोवाक्सिन या कोविशिल्ड को लेकर वह अपनी  हारी बाज़ी को पलटने के लिए जी जान लगा रहे हैं .परन्तु वो भूल  गए हैं कि अब देश में और ज्यादा भ्रम की राजनीति नहीं चलने वाली.क्योकि देश की जनता पहले से ज्यादा सजग व सतर्क हो चुकी है .वो अपना अच्छा-बुरा खूब समझती हैं .देश का युवा नयी तकनीको के मद्देनजर हर बात को तौलना  जानता है और तुलना करना भी जानता है .तेजी से बदलते हुए इस समय में अब न तो भ्रम की राजनीति चलेगी न ही राजनीति में कोई भ्रम .क्योकि ये पब्लिक है ,सब जानती है .पहचानती है .समझती है ,बुझती है.

अखिलेश यादव को लेकर मेरे अलावा कई लोगो की धारणाये अब बदल गई है.जो कि पहले ऐसी नहीं थी.संसद के सेन्ट्रल हाल हो या अन्य राजनीतिक गुफ्तगू,अखिलेश एक एक सजग व संवेदनशील विचारो के लिए चर्चित रहे हैं .ये  बात अलग है कि पिछले 2017 का यूपी का विधान सभा चुनाव में हाथ की वजह से साइकिल की हवा निकल गयी थी.यहाँ हाथ का मतलब कांग्रेस पार्टी से हैं.साइकिल तो आखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह है.खैर उस पार्टी से वैसे भी आम लोगो का भ्रम टूट ही गया था ,जब भारत माता को डायन कहने वाला मो आज़म खान जैसा नेता आज भी उनकी समाजवादी पार्टी में हैं? देश में हैं? स्वाभाविक है उस पार्टी को लेकर कोई भी कुछ भी आशा क्यों रखे.क्योकि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद आज तक अखिलेश यादव ने उस राष्ट्र द्रोही बयान को लेकर कुछ नहीं कहा.मुसलमान बड़ा या देश.कोई भी जाति या धर्म बड़ा या देश .स्वाभाविक है देश से बड़ा कोई भी नहीं .देश और धर्म के मसले पर बडेपन को लेकर  सभी राजनीतिक दलों को अपना मंतव्य साफ़ करना पड़ेगा.तभी वे राष्ट्र हित में राजनीतिक मैदान के योग्य कहे जा सकते हैं.

इसलिए कोरोना की दवाई वेक्सिन को लेकर अखिलेश के साथ कांग्रेस के स्टार नेताओ में जयराम रमेश  और शशि थरूर ने तो हद कर डाली.उसकी गुणवत्ता पर सवाल पैदा कर दिया.शर्म उनको भी नहीं आती.अरे भाई साहेब ,ये भाजपा की वेक्सिन नहीं है ,ये देश के महान वैज्ञानिको व शोध विद्वानों के अथक प्रयासों से तैयार किया गया वेक्सिन है.कोरोना को मारने की ,भगाने  की दवाई है .इससे ये हमें  लगने लगा है भारत विश्व का नम्बर वन देश हो गया है ,जिसके पास एक नहीं दो दो वेक्सिन तैयार हो गए हैं.सरकारी घोषणाओ के अनुसार,ये वेक्सिन अगले फ़रवरी-मार्च 2021 तक आम लोगो को मुहैया करवा दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो अगले मकर संक्रांति से वेक्सिन वितरण करवाने की आधिकारिक घोषणा भी कर डाली है .लेकिन कांग्रेस व अन्य दलों की कथित ओछी राजनीति से देश में के नकारात्मकता का संदेश गया है.हालांकि कांग्रेस ने बाद में खुद के स्टैंड पर संशोधन किया.कांग्रेस प्रवक्ता गौरब बल्लभ ने कहा ये वेक्सिन सबको मिलना चाहिए.मुफ्त मिलना चाहिए,जो कि बिहार चुनाव के दौरान घोषणा की गयी थी कि भाजपा सरकार बनने के बाद सबको मुफ्त में वेक्सिन वितरित किये जायेगे.

जो भी हो मेरे विचार से वेक्सिन या किसी भी विकास से जुड़े मसलो पर विपक्ष के नेताओं को स्वयं सिद्ध होने की जरुरत हैं कि उलटे पुल्टे बयानों से देश विकास में किसी भी प्रकार से बाधा उत्पन्न नहीं किया जाना  चाहिए.यदि समय रहते वे विपक्षी नेता गण नहीं सुधरे व आम जनता की भावनाओ का मज़ाक बनाते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब भारत की जागरूक जनता उन्हें राजनीति से  मुक्त भी कर सकती हैं .इसलिए सबको भ्रम से बचना चाहिए व देश को भी बचाना चाहिए .

*कुमार राकेश

 

Comments are closed.