भारत रत्न से सम्मानित किए जाएंगे लालकृष्ण आडवाणी, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी जानकारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3फरवरी। भारतीय जनता पार्टी के नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान करते हुए कहा कि हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। उनका भारत के विकास में योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने देश के गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में लालकृष्ण आडवाणी जी की दशकों लंबी सेवा को पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया है, जिसने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है।’ मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।

कौन हैं लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई कराची में हुई। उसके बाद उन्होंने सिंध कॉलेज से पढ़ाई की। बाद में उनका परिवार मुंबई आ गया। लालकृष्ण आडवाणी जब 14 साल के थे तब वो संघ से जुड़ गए। 1951 में वो जनसंघ से जुड़े। उसके बाद 1977 में जनता पार्टी का साथ निभाया। 1980 में बीजेपी का उदय हुआ। इसके साथ ही भारत की राजनीति में अटल आडवाणी युग की शुरुआत हुई। अटल आडवाणी की जोड़ी ने देश की राजनीति की दिशा बदल दी।

सियासी सफर
लाल कृष्ण आडवाणी 1977 में सूचना प्रसारण मंत्री बने तो साल 2002 में उप-प्रधानमंत्री। 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार उनके लिए बड़ा झटका साबित हुई। ऐसा कहा जाता है कि राममंदिर आंदोलन से लालकृष्ण आडवामी ने देश की सियासत बदल दी थी। भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी ने 1990 में राममंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा की थी। उनकी रथयात्रा ने देश की राजनीति बदलकर रख दी थी. 1992 के अयोध्या राममंदिर आंदोलन उनके नेतृत्व में हुई।

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