आतंकियों को नापाक इरादों को नाकाम कर शहीद हुए भारत के लाल महेश

समग्र समाचार सेवा
हैदराबाद, 9नवंबर।
कश्मीर में रविवार को शहीद हुए तेलंगाना के सेना के जवान रियादा महेश के घर उनके निधन की खबर पहुंचते ही कोहराम मच गया. उनकी एक साल पहले ही शादी हुई थी. उन्होंने एक साल पहले एक आर्मी ऑफिसर की बेटी सुहासिनी से शादी की थी. महेश दो भाइयों में सबसे छोटे थे. माता-पिता ने याद करते हुए बताया कि वह पिछले साल दिसंबर में घर आया था. उन्होंने उसे जम्मू कश्मीर के हालात को देखते हुए सावधान रहने की सलाह दी थी।
निजामाबाद जिले के वेलपुर मंडल के कोमनपल्ली गांव के एक किसान दंपति के बेटे इस जवान की उम्र मात्र 26 साल थी. उनके निधन की खबर सुनते ही उनकी पत्नी और माता-पिता बेसुध हो गए. उनके माता-पिता रियादा राजू और गंगामल्लू दोनों किसान हैं. अपने बेटे के चले जाने पर उन्हें गहरा आघात पहुंचा है।

माता-पिता रियादा राजू और गंगामल्लू ने बताया कि बेटे से उन्होंने आखिरी बार 2 नवंबर को फोन पर बात की थी. जवान ने कहा था कि वह पास के इलाके में सहयोगियों के साथ गश्त पर जा रहे थे, तभी आखिरी बार उन्होंने अपने बेटे की आवाज सुनी थी।
गौरतलब है कि रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों की नाकाम घुसपैठ के दौरान मारे गए चार सुरक्षाकर्मियों में महेश भी था. इस दौरान तीन आतंकवादी भी मारे गए. परिवार को शुरू में सूचित किया गया था कि मुठभेड़ में उसे गंभीर चोटें आई थीं. बाद में उन्हें बताया गया कि उनकी मृत्यु हो गई है. निजामाबाद के एक निजी कॉलेज से इंटरमीडिएट (प्लस टू) पूरा करने के बाद महेश ने 2014-15 में सेना के लिए चयनित होने के लिए प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण की. प्रशिक्षण के बाद वह जम्मू और कश्मीर में अपने स्थानांतरण से पहले असम और बाद में देहरादून में तैनात थे।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की विधायक के. कविता ने महेश को श्रद्धांजलि देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने आश्वासन दिया कि तेलंगाना शहीद के परिवार के साथ खड़ा है. पुलिस महानिदेशक एम महेंदर रेड्डी ने ट्वीट किया, “हमें सुरक्षित रखने के लिए धन्यवाद आपकी वीरता को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.” महेश के शव को अंतिम संस्कार के लिए एक-दो दिन में गांव लाया जाएगा.

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