इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी चीफ रहे लालडुहोमा अब बनेंगे मिजोरम के सीएम, यहां जानें IPS अफसर से राजनीति तक का सफर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4दिसंबर। मिजोरम में नई स्थानीय पार्टी ZPM ने अच्छी पकड़ बनाई है. इसका अंजादा रिजल्ट से ही लगाया जा सकता है. ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने जश्न मनाना भी शुरू कर दिया है. सभी की निगाहें 74 वर्षीय शख्स पर हैं, जो पहले एक आईपीएस (IPS) अफसर रह चुके हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट की तरफ से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं.

इन चुनावों में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के लालदुहोमा का प्रदर्शन काफी शानदार रहा. वह मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा की मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF) से काफी आगे हैं और सत्तारूढ़ पक्ष को सत्ता से बेदखल करने की राह पर हैं. लालदुहोमा ने शुरुआत में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया और तटीय राज्य गोवा में सेवा की.

इसके बाद उनका कुछ समय में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा के प्रभारी के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. वह दो साल तक इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी चीफ रहे.

सेवा से बाहर आने के बाद, उन्होंने ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) की स्थापना की और 1984 में लोकसभा में प्रवेश करके इतिहास रच दिया. हालांकि, उनकी राजनीतिक गति में तब बदलाव आया जब वह दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता का सामना करने वाले पहले सांसद बने. असफलता के बावजूद, लालदुहोमा ने पूर्वोत्तर राज्य में काम करना जारी रखा और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

लालदुहोमा वह 1984 में सांसद बने. चार साल बाद ही 1988 में कांग्रेस की सदस्यता छोड़ने के कारण उन्हें लोकसभा से अयोग्य करार दे दिया गया. इस तरह लालदुहोमा दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बन गए.

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