समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी माहौल गरमाने लगा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर करारा तंज कसते हुए कहा कि आगामी चुनावों में एनडीए को हार का सामना करना पड़ेगा।
चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को बिहार विधानसभा चुनावों की तिथियों की घोषणा के बाद, लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया — “छह और ग्यारह, एनडीए नौ दो ग्यारह।” इस व्यंग्यात्मक टिप्पणी के ज़रिए उन्होंने यह संकेत दिया कि भाजपा और जद(यू) का गठबंधन जनता के मूड के सामने टिक नहीं पाएगा।
चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को होगा।
राजद प्रमुख के इस बयान ने बिहार के राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। एनडीए गठबंधन की ओर से भाजपा और जद(यू) दोनों ने लालू यादव की टिप्पणी को ‘हास्यास्पद’ करार दिया, जबकि राजद कार्यकर्ताओं ने इसे जनता के मूड का प्रतिबिंब बताया।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार चुनावों की घोषणा का स्वागत करते हुए राज्य के मतदाताओं से लोकतंत्र के “महापर्व” में उत्साहपूर्वक भाग लेने की अपील की।
अमित शाह ने एक्स पर लिखा, “चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है। लोकतंत्र के इस महापर्व के लिए बिहार के सभी लोगों को बधाई। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार को जंगलराज से मुक्त कर विकास और सुशासन की नई दिशा दी है।”
वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे “लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव” बताया। उन्होंने कहा, “मैं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा का स्वागत करता हूँ। यह चुनाव राज्य को विकास और सुशासन के मार्ग पर बनाए रखने का माध्यम है।”
राजद की ओर से तेजस्वी यादव ने भी अपने पिता के अंदाज़ में कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए की सरकार ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई के मोर्चे पर विफलता झेली है, और अब जनता राजद को मौका देने के लिए तैयार है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बिहार चुनावों में मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है — एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन (राजद-कांग्रेस-लेफ्ट) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी सीमांचल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश करेगी।
बिहार में राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है, और नेताओं के बीच बयानबाजी तेज होती जा रही है। अब सबकी नज़र 6 और 11 नवंबर पर है, जब यह तय होगा कि क्या लालू यादव का व्यंग्य सच साबित होगा या एनडीए एक बार फिर सत्ता की राह पकड़ेगा।
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