एन इ एच यू में नेतृत्व संकट: कार्यवाहक कुलपति की त्वरित नियुक्ति की मांग

समग्र समाचार सेवा
शिलॉन्ग,19 मार्च।
नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एन इ एच यू ) में नेतृत्व संकट गहराता जा रहा है। विश्वविद्यालय के विभिन्न हितधारकों ने शिक्षा मंत्रालय से मांग की है कि वरिष्ठतम प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति (VC) के रूप में तत्काल नियुक्त किया जाए। यह मांग मौजूदा कुलपति प्रो. प्रभा शंकर शुक्ला के 135 दिनों की लंबी अनुपस्थिति के चलते उठी है, जिससे विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

सोमवार को विश्वविद्यालय में इस गंभीर मुद्दे पर नेहुता, नेहुन्सा, नेहुसु सहित विभिन्न वैधानिक संघों, स्कूलों के डीन और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक के बाद सर्वसम्मति से शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया, जिसमें वरिष्ठ प्रोफेसर को कार्यवाहक VC के रूप में नियुक्त करने की अपील की गई है।

एन इ एच यू अधिनियम के धारा 2(A) 5(i) और 2(B)(2) के अनुसार, यदि कुलपति अनुपस्थित हों, तो वरिष्ठतम प्रोफेसर को कार्यवाहक VC के रूप में पदभार संभालना चाहिए। बैठक में मौजूद सदस्यों ने इस प्रावधान का हवाला देते हुए नेतृत्व शून्य को शीघ्र भरने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि विश्वविद्यालय की सामान्य कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाया जा सके।

कुलपति की लंबी अनुपस्थिति से विश्वविद्यालय में कई महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो गए हैं। वित्तीय वर्ष के समापन के मद्देनजर प्रशासनिक फैसले लेने में कठिनाई हो रही है, परीक्षाएं चल रही हैं और अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दे लंबित हैं। बैठक में यह भी तय किया गया कि VC को कोई भी आधिकारिक संचार, चाहे वह हार्ड कॉपी हो या सॉफ्ट कॉपी, नहीं भेजा जाएगा। इसके अलावा, प्रो. शुक्ला के निर्देशों को शून्य और अमान्य माना जाएगा तथा उनका अनुपालन नहीं किया जाएगा

बैठक के बाद नेहुसु के अध्यक्ष सैंडी सोहतुन ने मीडिया को संबोधित किया और कुलपति द्वारा गुवाहाटी से व्हाट्सएप के जरिए विश्वविद्यालय के कामकाज को नियंत्रित करने के प्रयासों की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस प्रथा को “अस्वीकार्य” करार देते हुए कहा कि छात्र समुदाय और विश्वविद्यालय संघों ने प्रो. शुक्ला की अनुपस्थिति को लेकर गहरी आपत्ति जताई है

सोहतुन ने यह भी आरोप लगाया कि प्रो. शुक्ला के कार्यकाल के दौरान चार वर्षों से विश्वविद्यालय में प्रो-VC की नियुक्ति नहीं की गई और पिछले तीन वर्षों से दीक्षांत समारोह तक नहीं हुआ। इस प्रशासनिक लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है

छात्र संघ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि कुलपति की निष्क्रियता और छात्र मुद्दों को अनदेखा करने से हितधारकों में असंतोष बढ़ गया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अब सभी हितधारकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि प्रो. शुक्ला को विश्वविद्यालय में फिर से कार्यभार संभालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए

एन इ एच यू में यह संकट केवल एक नेतृत्व शून्य की समस्या नहीं है, बल्कि प्रशासनिक और नीतिगत विफलताओं की ओर भी इशारा करता है। महत्वपूर्ण फैसले लेने में देरी और विश्वविद्यालय संचालन में उत्पन्न गतिरोध ने छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए समस्याएं बढ़ा दी हैं।

अब सभी की निगाहें शिक्षा मंत्रालय पर टिकी हैं, जो इस गतिरोध को तोड़ने और विश्वविद्यालय को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तत्काल कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति करने की अपील पर विचार कर रहा है। एन इ एच यू  के हितधारकों ने साफ कर दिया है कि वे जल्द से जल्द इस संकट का समाधान चाहते हैं ताकि विश्वविद्यालय में शिक्षा और प्रशासनिक कार्य सामान्य रूप से संचालित हो सकें

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