उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भ्रष्टाचार के आरोपों में मुख्यमंत्री केजरीवाल के दफ्तर के डिप्टी सेक्रेटरी को किया सस्पेंड
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23जून। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना एक्शन मोड में हैं. उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपो में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर के एक डिप्टी सेक्रेटरी को सस्पेंड कर दिया है. आधिकारिक जानकारी में बताया गया कि LG ने उनके अलावा दो एसडीएम को भी सस्पेंड किया है.
उन्होंने कहा, डिप्टी सेक्रेटरी के खिलाफ उनके नरेला के एसडीएम रहते हुए जमीन से जुड़े मामलों में प्रक्रियात्मक चूक भ्रष्टाचार का संकेत देती है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सीएमओ में तैनात डिप्टी सेक्रेटरी के खिलाफ इस मामले का दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई संबंध नहीं है.
जिन तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर में तैनात डिप्टी सेक्रेटरी प्रकाश चंद्र ठाकुर, वसंत विहार के एसडीएम हर्षित जैन और विवेक विहार के एसडीएम देवेंदर शर्मा शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन अधिकारियों के खिलाफ मामला प्रक्रियात्मक चूक से संबंधित हैं, जो भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करते हैं.
दिल्ली सरकार ने आधिकारिक जानकारी में बताया कि, यह तीनों DANICS कैडर के अधिकारी हैं. दिल्ली सरकार के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की जिम्मेदारी सर्विसेस डिपार्टमेंट के पास है और यह विभाग सीधे उपराज्यपाल के अंतर्गत आता है. दिल्ली सरकार को किसी को भी पोस्टिंग देने का कोई अधिकार नहीं है.
एक सूत्र ने कहा, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा उठाया गया यह कदम उनके भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और सरकार के कामकाज में ईमानदारी सुनिश्चित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. सोमवार को ही उपराज्यपाल ने कालकाजी एक्सटेंशन में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए बने (EWS) फ्लैटों के निर्माण में खामियां पाए जाने पर डीडीए के दो सहायक इंजीनियरों को भी निलंबित कर दिया था.
इधर दिल्ली भाजपा ने अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर हमला बोला. भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं लेकिन आज एक भ्रष्टाचारी उनके अपने ही दफ्तार में पाया गया है. इससे स्पष्ट होता है कि यहां भ्रष्टाचार से लड़ने की सिर्फ बातें ही होती हैं.’
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