समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जुलाई। दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल की मांग (Water Crisis) को पूरा करने और इस मामले में उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए जनता से सुझाव मांगे. उपराज्यपाल (Delhi LG) ने कहा कि दिल्ली में रोजाना करीब 28 करोड़ गैलन (एमजीडी) पीने के पानी की कमी है. उपराज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘दूसरों को दोष देने के बजाय, आइए हम मिलकर पानी का संरक्षण और अपने भूजल को बढ़ाकर राजधानी को आत्मनिर्भर बनाएं. आपके सुझावों और भागीदारी से ही हमें इसे हासिल करने में मदद मिलेगी.’ पानी के लिए राष्ट्रीय राजधानी पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है. इसे हरियाणा से दो नहरों – कैरियर-लाइन्ड चैनल (368 एमजीडी) और दिल्ली उप-शाखा (177) – और यमुना (65 एमजीडी) के माध्यम से 675 एमजीडी पानी मिलता है.
With a shortage of 280 MGD, Delhi's water demands are unsustainable.
Instead of blaming others, let us together make the Capital self-sufficient by conserving water & augmenting our groundwater.
Your suggestions & participation only will help us achieve this.#ForABetterDelhi pic.twitter.com/yqrxJC0p85— LG Delhi (@LtGovDelhi) July 4, 2022
इसके अलावा, ऊपरी गंगा नहर के माध्यम से उत्तर प्रदेश से 253 एमजीडी पानी प्राप्त होता है और शेष जल समूची दिल्ली में स्थापित कुओं और नलकूपों से लिया जाता है. दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) निवासियों को 990 एमजीडी पानी की आपूर्ति करता है. इस बार गर्मी के मौसम में दिल्ली को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा क्योंकि हरियाणा ने यमुना और दो नहरों में कम पानी छोड़ा. डीजेबी ने 30 अप्रैल से 18 जून के बीच हरियाणा सिंचाई विभाग को नौ बार पत्र लिखकर नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ने का आग्रह किया.
इससे पहले, सक्सेना ने दिल्ली में ‘कचरे के पहाड़’ को साफ करने, यमुना की सफाई और हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए थे. उन्होंने कहा था कि दिल्ली यमुना में 784 एमजीडी अवजल (सीवेज का पानी) छोड़ती है, जिसने नदी को एक गंदी नाली में बदल दिया है और राजधानी में कचरे के पहाड़ ‘राष्ट्रीय शर्म’ के समान हैं. सक्सेना ने यह भी उल्लेख किया था कि ‘हम अधिकांश (वायु) प्रदूषक स्वयं उत्पन्न करते हैं.’
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