लोकसभा चुनाव 2024:दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बीजेपी ने बनाई ये रणनीति, 88 सीटों पर होगा फैसला

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25अप्रैल। 26 फरवरी यानी शुक्रवार को लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण है. पहले चरण में कम वोटिंग प्रतिशत को देखते इस बार बीजेपी ने नई रणनीति बनाई है. बीजेपी की कोशिश है कि दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत बढ़े, इसके लिए बीजेपी ने राजनीति भी बनाई है क्योंकि दूसरा चरण बीजेपी के लिए भी काफी महत्त्वपूर्ण है. दूसरे चरण के तहत लोकसभा की जिन 88 सीटों पर शुक्रवार को मतदान होने जा रहा है, उसमें से सबसे ज्यादा 52 सीटें भाजपा के पास हैं.

88 में से 54 सीटें हैं NDA के पास: लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का दामन थामने वाले दो निर्दलीय सांसदों को मिला लिया जाए तो यह आंकड़ा 54 पर पहुंच जाता है. NDA गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ रहे दलों की बात करें तो इनमें से 4 सीटों पर जेडीयू, 3 पर शिवसेना (शिंदे गुट) और 1-1 सीट पर जेडीएस और एनपीएफ को पिछली बार जीत मिली थी, यानी 88 में से 63 सीटों पर एनडीए गठबंधन का कब्जा है और इसे बरकरार रखना निश्चित तौर पर पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है.

वोटर्स को बूथ तक ले जाने की कोशिश: भाजपा के कार्यकर्ता रणनीति के तहत दोपहर से पहले ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को बूथ तक लेकर जाने की कोशिश करेंगे, जिससे गर्मी की मार से बेहाल मतदाता दोपहर से पहले ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें. जो मतदाता सुबह पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंच पाएंगे, उसे बीजेपी के बूथ स्तर के कार्यकर्ता और स्थानीय नेता शाम के समय पोलिंग बूथ तक ले जाएंगे. पार्टी की कोशिश खासतौर से महिला और युवा मतदाताओं पर रहेगी.

इन राज्यों में इतनी सीटों पर होंगे चुनाव: दरअसल, पहले चरण में हुए मतदान के कम प्रतिशत को देखते हुए पार्टी ने कई योजनाएं बनाई थी, जिसे शुक्रवार को बूथ स्तर पर धरातल पर उतारने का प्रयास किया जाएगा. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत शुक्रवार को केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 8, मध्य प्रदेश की 6, असम की 5, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 3, पश्चिम बंगाल की 3 और त्रिपुरा, मणिपुर के साथ जम्मू कश्मीर की 1-1 सीट सहित 88 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है.

पिछला प्रदर्शन दोहराने की कोशिश: पिछले चुनाव में केरल में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली भाजपा इस बार केरल पर काफी ध्यान दे रही है. पार्टी का दावा है कि इस बार केरल में चौंकाने वाले नतीजे सामने आ सकते हैं. भाजपा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में पिछले प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास कर रही है. पार्टी की कोशिश है कि इन सीटों में से पिछले चुनाव में कांग्रेस को असम, बिहार और कर्नाटक में मिली एक-एक सीट को भी इस बार छिना जाए और उत्तर प्रदेश में बसपा को मिली एक सीट अमरोहा पर भी जीत का परचम लहराया जाए.

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