सुनील अग्रवाल
भागलपुर, बिहार।
शीघ्र ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर कमल खिलने वाला है। जी हां चौंकिए मत,इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि ममता के घर से भी बगावती तेवर उठने शुरू हो गये हैं। ममता दीदी के भाई कार्तिक बनर्जी शीघ्र हीं भाजपा का दामन थामने वाले हैं।
मालूम हो कि कुछ दिनों पूर्व टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने ऐलान किया था कि शीघ्र ही हरि मुखर्जी रोड,(जो ममता का आवास है) में कमल खिलेगा। आज उनका कहा सही साबित होता प्रतीत हो रहा है। ममता बनर्जी के अपने खासमखास भाई कार्तिक बनर्जी ने बागी तेवर अपनाते हुए कहा कि वो बंगाल में वंशवाद की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं। उनका मानना है कि वो ऐसे नेताओं से तंग आ चुके हैं जो आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की बात तो करते हैं मगर नेता खुद के परिवार का जीवन बेहतर बनाने में लग जाते हैं। अब कयास यह लगाया जा रहा है कि वो शीघ्र ही भाजपा का दामन थाम अपनी राजनैतिक पारी शुरू करने वाले हैं। ऐसे में ममता दीदी चारों ओर से घिरती नजर आ रही हैं।
एक कहावत तो सुनी होगी आपने कि घर का भेदी लंका ढ़ाये। कुछ ऐसा ही बंगाल की राजनीति में भी देखने को मिल रहा है। अगर यह सच साबित हुआ तो बंगाल की राजनीति से ममता का पतन तय है। ममता पर भाई भतीजावाद का आरोप लगता रहा है। यही कारण है कि उनकी पार्टी टीएमसी से दर्जनों मंत्री, विधायक व सांसद पूर्व में ही इस्तीफा दे भाजपा का दामन थाम चुके हैं और कईयों लाइन में लगे हुए हैं। जानकारों का मानना है कि टीएमसी में मचा भगदड़ यूं ही निरंतर जारी रहा तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि एक दिन पूरी की पूरी पार्टी हीं अस्तित्व विहीन हो जायेगी।
बहरहाल कार्तिक बनर्जी के बयान से बंगाल की राजनीति में भूचाल सा आ गया है,जो लाजिमी है। बताते हैं कि पार्टी में अभिषेक बनर्जी को ज्यादा तब्बजो मिलने से भी वो नाराज़ हैं और यही कारण है कि टीएमसी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहें हैं।
इधर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सह बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने नया सगुफा छोड़ते हुए कहा है कि टीएमसी के 41 विधायक भाजपा में आने को तैयार बैठे हैं। अगर उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया जाता है तो ममता दीदी की सरकार स्वत: गिर जाएगी। यह पार्टी को तय करना है कि किसे लें किसे नहीं।
उनके इस बयान से पूरे बंगाल की सियासत में भूचाल सा आ गया है और ममता दीदी को डर सताने लगा है। पार्टी तो दूर अब घर में हीं बगावती सुर उठने लगे हैं। ऐसे में ममता चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया है कि ममता की सरकार बंगाल के लोगों के साथ गुण्डों जैसी हरकतें करती रही है। बंगाल की सभ्यता और संस्कृति पर कुठाराघात किया गया है।आने वाले दिनों में ममता की दुकानदारी बंद होने वाली है। ममता के राज में लगभग एक हजार उधोग बंद हो चुके हैं, जिससे दस लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। ममता ने बंगाल की जनता के साथ विश्वासघात करने का काम किया है। तमाम हालातों पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि बंगाल में ममता का गेम ओवर होने वाला है।
हालात इतने नाजुक हो गये हैं कि टीएमसी अब बंगाल में तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की दुहाई देने लगी है, मगर कांग्रेस और वाम दलों ने भी उसे आईना दिखा दिया है।
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