मध्य-प्रदेश डायरी: रवीन्द्र जैन

Ravindra Jain
Ravindra Jain

आईएएस, सुरा और सुंदरी
मप्र में 2014 बैच के आईएएस लोकेश जांगिड़ अभी तक अपने तबादलों को लेकर चर्चा में थे, लेकिन अब सुरा और सुंदरी को लेकर भी वे खासे चर्चा में हैं। पिछले दिनों ऑनलाईन विदेशी शराब खरीदने के चक्कर में उनके साथ हुई 17 हजार की धोखाधड़ी को लेकर वे चर्चा में आए। सुरा के बाद आजकल वे एक कथित सुंदरी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। सरकारी काम से दिल्ली गए जांगिड़ ने वहां की एक युवती को ट्वीटर पर मैसेज भेजकर कॉफी पीने आमंत्रित कर लिया। बिना जान-पहचान कॉफी का आमंत्रण मिलने से युवती बिफर गई और उसने जांगिड़ के मैसेज को सार्वजनिक करते हुए पूछा – यह सब क्या है? सकपकाए जांगिड़ बेशक अब सफाई देते घूम रहे हों, लेकिन मंत्रालय में चर्चा है कि पहले से ही सरकार के निशाने पर रहे जांगिड़ के खिलाफ आईपीएस पुरूषोत्तम शर्मा की तरह कार्रवाई हो सकती है। यदि युवती ने मप्र सरकार को शिकायत की तो जांगिड़ का निलंबन तय माना जा रहा है।

बाबा के अश्लील फोटो
मप्र कांग्रेस के एक बड़े नेता जिन्हें रात-दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी के सपने आते हैं पिछले दिनों भोपाल में एक बाबा से पूजा-पाठ कराने पहुंच गए। नेता और बाबा की इस पूजा के बाद अचानक सोशल मीडिया पर बाबा के कथित अश्लील फोटो तैरने लगे। बताते हैं कि यह फोटो पुराने हैं और इन्हें सोशल मीडिया के हवाले करने में बाबा के ही कुछ चेले चपाटे शामिल बताए जा रहे हैं। फोटो में एक भगवा वस्त्रधारी महिला नग्न बाबा को चड्डी पहनाती दिखाई दे रही हैं। फोटो एडिटेड भी हो सकते हैं। लेकिन कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता अपने नेता के इस बाबा के दरबार में जाने से खुश नहीं हैं। यह बाबा पहले भी कई तरह के विवादों में रह चुके हैं। पिछले दिनों बाबा के ऊपर हमला भी हुआ था, तब इस हमले की निंदा कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से की गई थीं।

सिरदर्द बने भाजपा जिला अध्यक्ष
मालवा क्षेत्र में भाजपा के एक जिलाध्यक्ष प्रदेश भाजपा संगठन के एक बड़े पदाधिकारियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। इन्हें जिला अध्यक्ष बनवाने के लिए पार्टी के इस बड़े पदाधिकारी ने जिले के तमाम नेताओं के घर जाकर सहमति बनवाई थी। जिन्हें जिलाध्यक्ष बनवाया गया है उन्हें जिले का कोई भी नेता पसंद नहीं करता था। आरोप है कि जिलाध्यक्ष बनने ने बाद इन्होंने कुछ मुस्लिम मित्रों के साथ मिलकर पूरे जिले में जमीनों का धंधा शुरू कर दिया है। पार्टी के तमाम नेता इसकी शिकायत भोपाल से दिल्ली तक भेज रहे हैं। भोपाल से जिलाध्यक्ष को कई बार संकेत भेजे गए, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। जिला अध्यक्ष की हरकतों के कारण उन्हें पद दिलाने वाले प्रदेश के बड़े नेता खुद परेशान हो गए हैं। यह भी खबर है कि आरएसएस की ओर से भी इस जिलाध्यक्ष की शिकायतों का ब्यौरा भोपाल पार्टी कार्यालय भेजा गया है।

जज, अफसरों की दिल्ली यात्रा
कल सोमवार और आज मंगलवार को सुबह इंदौर, भोपाल और जबलपुर से दिल्ली की ओर उड़ने वाली किसी भी फ्लाइट में एक भी सीट खाली नहीं है। मप्र हाईकोर्ट के लगभग 5 जज, जिलों में पदस्थ लगभग 40 जज, तमाम बड़े अधिकारी और सैकड़ों वकील दिल्ली रवाना यात्रा पर हैं। दरअसल यह सभी दिल्ली में चंबल के बेटे को सुप्रीम कोर्ट का जज बनने की बधाई देने और उनकी हाईटी पार्टी में शामिल होने पहुंच रहे हैं। मुरैना जिले के जौरा तहसील के रहने वाले जस्टिस जेके महेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया है। उनका कार्यकाल अगले पांच साल का है। वे भारत के मुख्य न्यायाधीश भी बन सकते हैं। मप्र के न्यायिक क्षेत्र में जस्टिस महेश्वरी की पहचान ईमानदार व लोकप्रिय न्यायविद् के साथ-साथ धार्मिक, सामाजिक और मिलनसार व्यक्ति के रूप में भी है। यही कारण है कि उनके शपथ समारोह और समारोह के बाद होने वाली हाईटी में शामिल होने मप्र से लगभग 400 लोगों के दिल्ली पहुंचने की चर्चा है।

पूर्व अफसर करेंगे पत्रकारिता
अभी कुछ दिन पहले तक मप्र के सबसे बड़े आयकर अधिकारी रहे आरके पालीवाल की पहचान गांधीवादी कार्यकर्ता की भी है। पालीवाल ने इस साल गांधी जयंती से पत्रकारिता के क्षेत्र में उतरने की घोषणा की है। मप्र के चीफ प्रिंसिपल इनकम टैक्स कमिश्नर पद से रिटायर होने के बाद पालीवाल लगातार जैविक खेती के मिशन में लगे हैं। अब उन्होंने पत्रकारिता को मिशन के रूप में करने की घोषणा की है। 2 अक्टूबर से वे साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन करेंगे। इसकी कीमत पांच रुपए होगी। इस पत्रिका में कोई विज्ञापन नहीं लेंगे। इस पत्रिका में आजादी के दीवानों की अनकही कहानियां और किस्से प्रकाशित किए जाएंगे। सोशल मीडिया पर पालीवाल ने बताया कि उनकी यह पत्रिका नेशनल एक्सप्रेस अखबार के साथ मिलकर आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित होगी। लंबे समय तक बेहद ईमानदारी से आयकर विभाग में सेवा देने वाले पालीवाल ने पत्रिका के लिए जन सहयोग मांगा है।

चेतन्य काश्यप होना आसान नहीं!
मप्र में यूं तो सवा दो सौ से ज्यादा विधायक हैं, लेकिन रतलाम शहर के भाजपा विधायक चेतन्य काश्यप सबसे अलग हैं। काश्यप लगातार दूसरी बार विधायक हैं। मप्र के विधायकों को एक लाख दस हजार रुपए प्रतिमाह वेतन और भत्ता मिलता है। विधानसभा आने-जाने के लिए 15 रुपए प्रति किलोमीटर वाहन भत्ता मिलता है। विधानसभा की बैठक में शामिल होने 1500 रुपए प्रतिदिन भत्ता मिलता है और पूर्व विधायक बनने पर जीवन भर 35 हजार रुपए महीने पेंशन मिलती है। प्रदेश में कई विधायक संपन्न और धनाढ्य हैं। लेकिन एक मात्र चेतन्य काश्यप हैं जिन्होंने पिछले आठ साल में अभी तक सरकारी खजाने से न तो वेतन लिया है और न ही किसी प्रकार का भत्ता स्वीकार किया है। चेतन्य काश्यप विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र में, अपने संसाधन से लोगों की मदद भी करते हैं।

और अंत में…..
मप्र में भाजपा सरकार और संगठन कांग्रेस पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं चूकते। लेकिन कांग्रेस काल में हुए लगभग 100 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा सरकार और संगठन दोनों ने रहस्यमय चुप्पी साध रखी है। कमलनाथ सरकार में जल संसाधन और कुछ अन्य विभागों के प्रचार-प्रसार के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान किया गया। इसकी भनक लगते ही दिल्ली से आयकर विभाग ने फर्जी भुगतान लेने वाली संस्थाओं पर छापे भी मारे। लेकिन प्रदेश की सरकार इस भ्रष्टाचार पर अभी तक चुप्पी साधे हुए है।

 

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