मध्य प्रदेश: खनन माफिया की उड़ गया रेलवे ट्रैक, 80 लाख का नुकसान

समग्र समाचार सेवा
खजुराहो, 4नवंबर। छतरपुर जिले के हरपालपुर में खनन माफिया बेखौफ होकर खनन कर रहे है। सारे नियमों को दरकिनार कर उत्खनन किया जा रहा है। खदानों में रोज होने वाले विस्फोट से आसपास के रहवासियों सहित झांसी-मानिकपुर रेलवे लाइन हिल जाती है।

रेलवे लाइन पर खदानों के पत्थर आकर गिरते हैं, जिस कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि खजुराहो रेल लाइन हादसे के बाद प्रशासन को इन क्रेशर संचालकों की हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगाना चाहिए। नहीं तो कोई हादसा हो सकता है। जिला खनिज विभाग अवैध उत्खनन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।

रहवासी बताते है कि हरपालपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत वर्षों से ग्राम सरसेड़ में रेलवे लाइन के 500 मीटर के दायरे में खंडा पत्थरों के साथ जय माता दी, जगदीश सोनी, सुधा सोनी क्रेशर संचालित हो रही हैं, जो पूरी तरह नियमों को ताक पर रख हैवी ब्लास्टिंग कर खदान कर रहे है। लीज नियमों का पालन नहीं कर रहे। साथ ही उनकी निर्धारिक सीमा से अधिक खदानों को खोदा जा चुका हैं। जय माता दी स्टोन क्रेशर, जगदीश ग्रेनाइट, सुधा सोनी संचालक पूरी तरह से प्रदुषण रोकथाम के नियमों का पालन नहीं कर रहे है।

रेलवे लाइन पर गिरते है पत्थर

खजुराहो रेल लाइन हादसे के बाद भी सरसेड में हैवी ब्लास्टिंग नहीं थम रही है। क्रेशर खदान में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से 500 मीटर के लगभग स्थित झांसी-मानिकपुर रेलवे लाइन पर खदानों में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से पत्थर रेलवे लाइन के आसपास गिरते हैं, कभी तो रेलवे लाइन पार कर जाते हैं।

रेल कर्मचारियों ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि खदानों में विस्फोट का कोई समय निर्धारित नहीं सुबह 6 बजे से दोपहर तक खदानों में विस्फोट करने का सिलसिला चलता है। उसी समय दिन झांसी-मानिकपुर रेलवे लाइन पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी की आवाजाही होती हैं, जिससे दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। खदानों में विस्फोटक की धमक ऐसी की हरपालपुर 5 किलोमीटर दूर सुनाई देने से लोगों के घर हिल जाते हैं।

50 से 70 फीट नीचे लगाते विस्फोट

शासन से निश्चित सीमा तक खनन की अनुमति दी गई। इस सबके बावजूद खदान संचालक 70 से 80 से नीचे विस्फोट करते हैं। खदानों में विस्फोट करने वालों के पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। इस सबसे बाद भी बिना रोक टोक विस्फोट किया जा रहा है।

खदानों में विस्फोट क्रेशर संचालकों की मनमर्जी पर दिन हो या रात कभी विस्फोट किया जाता है। इनमें होने वाले विस्फोट से पूरा क्षेत्र कांप जाता है। इन खदानों में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से पत्थर किसानों के खेतों सहित झांसी-मानिकपुर रेल लाइन पर आकर गिरते है, जिस कभी कोई बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मजदूर हाथ में लेकर खेलते विस्फोटक से

खदानों में किस तरह अवैध विस्फोटक का व्यापार फल फूल रहा है इसका नजारा मजदूरों को देखकर लगाया जा सकता है। मजदूर खुलेआम विस्फोट के सेल लेकर धूमते हुए देखे जा सकते हैं। अप्रशिक्षित मजदूरों के हाथ में विस्फोटक होने कभी कोई हादसा हो सकता है। साथ इन खदान संचालकों ने बड़ी मात्रा में विस्फोटक का भंडारण कर रखा है।

Comments are closed.