समग्र समाचार सेवा
भोपाल / जयपुर, 4 अक्टूबर: मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीते कुछ दिनों में कफ सिरप पीने के बाद 12 बच्चों की मौत की खबर ने समाज में चिंता पैदा कर दी है। बच्चों की मौत के बाद सरकार ने संबंधित सिरप के सभी बैचों पर तुरंत रोक लगा दी और उन्हें जांच के लिए भेजा। दिल्ली के सीडीएससीओ, पुणे के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 9 सैंपल की जांच की गई, जिसमें किसी भी सैंपल में कोई संदिग्ध तत्व नहीं पाया गया। इसके बाद राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) भी मामले की गहन जांच कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी या जुकाम की सिरप बिल्कुल नहीं दी जाए। DGHS की डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस, डॉक्टर सुनीता शर्मा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं:
- 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सिरप न दें।
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इन दवाओं का उपयोग आम तौर पर न करें।
- 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को सिरप डॉक्टर की सलाह पर ही दें।
- दवा सही मात्रा में और कम से कम दिनों के लिए दें।
- एक साथ कई दवाओं का उपयोग न करें।
- बच्चों को पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ दें, आराम करने और घरेलू उपाय जैसे भाप लेना, गुनगुना पानी पीने की सलाह दें।
सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि केवल अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं का ही उपयोग किया जाए और डॉक्टरों व फार्मासिस्टों को सही परामर्श देने के नियमों के प्रति जागरूक किया जाए।
छिंदवाड़ा में हुई मौतें
मध्यप्रदेश में 9 बच्चों की मौत छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में हुई। यहां 1420 बच्चों की सूची है, जो सर्दी, बुखार और जुकाम से प्रभावित रहे हैं। मृतक बच्चों को दिए गए दो कफ सिरप, कोल्ड्रिफ (Chennai) और नेक्सा डीएस (Nexa DS), हिमाचल में बने थे।
पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया और पहली मौत 7 सितंबर को हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले की जांच राज्य औषधि प्राधिकरण को सौंपी। NCDC की शुरुआती रिपोर्ट में लगभग 500 लोगों की रक्त जांच में कोई संक्रामक रोग नहीं पाया गया।
राजस्थान का रुख
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि जिन दवाओं के कारण यह घटना हुई, वे किसी सरकारी चिकित्सक द्वारा लिखी नहीं गई थीं। दवाओं की गुणवत्ता सही पाई गई और उनकी जांच करवा ली गई है।
बड़ा सवाल: बच्चों की मौत का कारण क्या?
प्रारंभिक जांच में कफ सिरप को क्लीन चिट मिलने के बाद अब सवाल यह है कि बच्चों की मौत का असली कारण क्या था। अधिकारी फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाए हैं और जांच प्रक्रिया जारी है।
यह मामला स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता के लिए गंभीर चेतावनी है कि बच्चों को दवा देने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें और घरेलू उपायों का विकल्प अपनाएं।
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