डासना मंदिर में महापंचायत पर रोक, पुलिस की सख्ती के बीच समर्थकों में हड़कंप

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली,13 अक्टूबर। पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद उत्पन्न स्थिति के बीच, डासना देवी मंदिर परिसर में रविवार को आयोजित होने वाली महापंचायत में लोग सुबह से ही पहुंचने लगे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें मंदिर परिसर में जाने से पहले ही रोक दिया, जिससे बड़ी संख्या में लोग वापस लौट गए।

कुछ लोगों ने महापंचायत में शामिल होने की जिद की, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान जगह-जगह बेरिकेडिंग की गई थी, और स्थानीय लोगों को भी पूछताछ के बाद ही दुकानों और प्रतिष्ठानों पर जाने की अनुमति दी गई। यूपी के विभिन्न हिस्सों के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, और दिल्ली से भी बड़ी संख्या में संत महापंचायत में पहुंच चुके थे। एक दिन पहले ही 50 से अधिक संतों का जत्था मंदिर में पहुंच गया था। जैसे ही संतों को यह जानकारी मिली कि पुलिस महापंचायत में लोगों को आने से रोक रही है, उन्होंने कहा कि पुलिस जहां रोकती है, वहीं पंचायत शुरू कर दी जाए।

इस बीच, यति नरसिंहानंद का रविवार को भी कोई पता नहीं चल सका। वह पिछले एक सप्ताह से लापता हैं, और उनके समर्थक आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें गायब किया गया है। पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी अपने समर्थकों के साथ महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान विधायक और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की। विधायक और उनके समर्थक अंदर जाने पर अड़े रहे, जबकि मंदिर परिसर में लगभग 60 से 70 लोग मौजूद थे। पत्रकारों को भी अंदर जाने से रोका गया।

इसी बीच, भाजपा विधायक एनएच-9 पर बैठकर महापंचायत करने लगे। डासना की तरफ बढ़ रहे लोगों को रोकने के दौरान पुलिस और लोगों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें पुलिस को हलका लाठीचार्ज करना पड़ा।

बता दें कि यति नरसिंहानंद पर पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ अपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है, जिसके विरोध में कुछ लोगों ने डासना देवी मंदिर के बाहर पथराव किया था। मंदिर की सुरक्षा को लेकर महापंचायत आयोजित की गई थी। यति नरसिंहानंद का पिछले सात दिनों से कोई अता-पता नहीं है और वह आज भी मंदिर नहीं पहुंचे हैं।

 

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