महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम: 23 नवंबर को आएंगे नतीजे, 6 दलों के बीच कांटे की रेस, क्या होगा सत्ता का समीकरण?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 नवम्बर।
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है क्योंकि 23 नवंबर को विधानसभा चुनावों के परिणाम आने वाले हैं। इन नतीजों पर सबकी नजरें इसलिए भी टिकी हैं क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। 288 सीटों वाली इस विधानसभा में सत्ता का समीकरण तय करने के लिए इस बार 6 प्रमुख राजनीतिक दलों और गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला है।

6 दलों के बीच तगड़ा मुकाबला

महाराष्ट्र की राजनीति में इस बार केवल दो गठबंधनों – महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट, आरपीआई) और महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस, एनसीपी-शरद पवार गुट, शिवसेना-उद्धव गुट) – के बीच ही नहीं, बल्कि अन्य छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की भी अहम भूमिका है।

  • भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट): महायुति ने विकास और स्थिरता को चुनावी मुद्दा बनाया।
  • महा विकास अघाड़ी (MVA): कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव गुट ने महंगाई, किसानों की समस्याएं और मराठा आरक्षण जैसे मुद्दों पर जोर दिया।
  • एमआईएम, वंचित बहुजन अघाड़ी और निर्दलीय: ये दल स्थानीय और विशेष मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर कुछ सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं।

मुख्य चुनावी मुद्दे

  1. मराठा आरक्षण: मराठा समुदाय का आरक्षण इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा रहा।
  2. किसान संकट: सूखा, बेमौसम बारिश और फसलों की बर्बादी ने ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव को प्रभावित किया।
  3. शहरी विकास: मेट्रो, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और रोजगार जैसे मुद्दों ने शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं को लुभाने का काम किया।
  4. भ्रष्टाचार और प्रशासन: MVA ने भाजपा-शिंदे गुट की सरकार पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया।

क्या होगा सत्ता का समीकरण?

इस चुनाव में किसी एक गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलना चुनौतीपूर्ण लग रहा है।

  • महायुति: भाजपा और शिंदे गुट को शहरी इलाकों में बढ़त मिलने की संभावना है।
  • MVA: ग्रामीण और मराठवाड़ा क्षेत्रों में कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव गुट का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।
  • निर्दलीय और छोटे दल: सत्ता की चाबी इनके हाथ में आ सकती है, क्योंकि इनका प्रदर्शन कुछ सीटों पर निर्णायक हो सकता है।

विधानसभा का कार्यकाल और समयसीमा

चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आएंगे, और नई सरकार बनाने के लिए सिर्फ तीन दिन का समय होगा क्योंकि 26 नवंबर को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। अगर किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का खतरा पैदा हो सकता है।

क्या होगा महाराष्ट्र का भविष्य?

महाराष्ट्र की राजनीति इस बार जटिल समीकरणों और गठबंधन की राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती नजर आई। अब सवाल यह है कि क्या राज्य को स्थिर सरकार मिलेगी, या फिर चुनाव परिणाम के बाद जोड़-तोड़ की राजनीति देखने को मिलेगी? 23 नवंबर को मतगणना के बाद महाराष्ट्र की सियासत की नई तस्वीर साफ हो जाएगी।

निष्कर्ष:
चुनाव परिणामों से यह तय होगा कि महाराष्ट्र में सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी। लेकिन यह साफ है कि 6 प्रमुख दलों के बीच इस बार का मुकाबला राज्य की राजनीति में कई नए आयाम जोड़ने वाला है।

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