महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: अजित पवार से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी उनके निर्वाचन क्षेत्र में क्यों नहीं करेंगे रैली?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 नवम्बर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की दिशा और दशा तय करने के लिए अब सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 नवंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए शुक्रवार से महाराष्ट्र में चुनावी प्रचार शुरू करेंगे। ऐसे में विपक्षी नेताओं के लिए यह सवाल उठना स्वाभाविक था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके निर्वाचन क्षेत्र में क्यों नहीं रैली करेंगे? यह सवाल मुख्य रूप से महाराष्ट्र में एनसीपी (राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी) के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से पूछा गया।

पीएम मोदी के प्रचार अभियान का आगाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपना प्रचार अभियान शुरू करने का ऐलान कर दिया है। 20 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले, प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र में चुनावी रैलियां करेंगे। उनके इस दौरे को लेकर भाजपा ने तैयारियां पूरी कर ली हैं, और राज्यभर में मोदी के स्वागत के लिए भाजपा कार्यकर्ता खासतौर पर उत्साहित हैं। पीएम मोदी की रैलियों का मुख्य उद्देश्य भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल बनाना है।

हालांकि, जब प्रधानमंत्री मोदी की रैली के कार्यक्रमों को लेकर सवाल उठने लगे, तो महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता अजित पवार से पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके निर्वाचन क्षेत्र, यानी बारामती में रैली क्यों नहीं करेंगे? पवार ने इस सवाल का बड़ी सटीकता से जवाब दिया और अपनी रणनीति पर भी प्रकाश डाला।

अजित पवार का जवाब

अजित पवार ने इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे निर्वाचन क्षेत्र में रैली क्यों करेंगे, यह उनकी योजना पर निर्भर करता है। अगर वह रैली करना चाहते हैं, तो उन्हें हमसे अनुमति की जरूरत नहीं है, लेकिन हम चुनावी मैदान में अपने जनसंपर्क और रणनीति के साथ पूरी तरह तैयार हैं।” पवार ने यह भी कहा कि बारामती में जनता का विश्वास पहले की तरह ही एनसीपी के साथ है और वह इस चुनाव में भी जीत दर्ज करेंगे।

पवार ने मोदी के खिलाफ अपने विपक्षी रुख को और मजबूत करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के प्रचार से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। महाराष्ट्र की जनता अब समझ चुकी है कि भाजपा के वादे झूठे हैं और राज्य में असल मुद्दों की कोई चर्चा नहीं हो रही है।”

भाजपा और एनसीपी के बीच की राजनीतिक टकराहट

अजित पवार का बयान, भाजपा और एनसीपी के बीच की राजनीतिक खींचतान को और भी स्पष्ट कर देता है। जहां भाजपा पूरे राज्य में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रही है, वहीं एनसीपी अपने पारंपरिक गढ़ बारामती में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए पूरी तरह सक्रिय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां आम तौर पर भाजपा के लिए चुनावी सफलता का शंखनाद साबित होती हैं, लेकिन अजित पवार ने यह साबित कर दिया कि उनकी पार्टी इस बार भी चुनौती देने के लिए तैयार है। बारामती को लेकर उनका आत्मविश्वास यह दर्शाता है कि एनसीपी अपने पारंपरिक जनाधार को बनाए रखने के लिए गंभीर है।

महाराष्ट्र में चुनावी संघर्ष

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा और शिवसेना (बाला साहेब ठाकरे) के गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। हालांकि, राज्य में एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन भी भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है। अजित पवार और उनकी पार्टी एनसीपी का यह प्रयास रहेगा कि वे चुनावी प्रचार में न केवल अपनी जड़ें मजबूत करें, बल्कि अन्य विपक्षी दलों के साथ भी तालमेल बनाकर भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चा तैयार करें।

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां भाजपा के लिए उत्साह और समर्थन जुटाने का एक अहम तरीका बन सकती हैं, खासकर ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में, जहां भाजपा अपने प्रभाव को और बढ़ाना चाहती है।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों और अजित पवार के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि चुनावी प्रचार में भाजपा और एनसीपी के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा रहेगी। जबकि भाजपा का प्रचार अभियान प्रधानमंत्री मोदी की छवि और उसकी योजनाओं पर आधारित रहेगा, वहीं एनसीपी अपने किले की रक्षा करते हुए भाजपा को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इन दोनों दलों के बीच की टकराहट राज्य की राजनीति को और भी रोचक बना देगी, और इसके परिणाम महाराष्ट्र के भविष्य को तय करेंगे।

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