मराठा आरक्षण को लेकर जल रहा महाराष्ट्र,राज्य में लगाई गई कई पाबंदियां, सीएम शिंदे कर रहे सर्वदलीय बैठक

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1नवंबर। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मराठा संगठन अब आक्रामक दिखाई दे रहे हैं. पुणे पुलिस ने कल पुणे शहर में नवले ब्रिज के पास मराठा आरक्षण समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग 48 को अवरुद्ध करने और टायर जलाने के लिए लगभग 400 से 500 लोगों पर मामला दर्ज किया. अब तक इनमें से 10 लोगों की पहचान की जा चुकी है और अन्य की पहचान की जा रही है.

एक तरफ राज्य में आरक्षण की लड़ाई जारी है तो दूसरी तरफ इसपर राजनीति भी चरम पर देखी जा रही है. तमाम दलों की तरफ से इसपर बयानबाजी की जा रही है. मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मुंबई के शैयाद्री गेस्ट हाउस पहुंच चुके हैं. इस बैठक में सीएम एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और कई दिग्गज नेता मौजूद हैं.

सर्वदलीय बैठक को लेकर क्या बोले राउत?
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मराठा आरक्षण पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं. विधायकों के घरों को आग लगाई जा रही है. राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक साथ आना चाहिए. उन्होंने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें लगभग 20-25 लोगों को बुलाया गया है, लेकिन उनकी बैठक में शिवसेना के सांसदों या विधायकों को नहीं बुलाया गया है. मराठा आरक्षण मुद्दे पर कोई समाधान निकाला जाना चाहिए.’

जरांगे पाटिल से हिंसा बंद करने की अपील
इससे पहले मराठा आरक्षण के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच हिंसा भड़कने के बाद महाराष्ट्र के धाराशिव और बीड जिले में कर्फ़्यू लगा दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने टायरों में आग लगाकर सोलापुर-अक्कालकोट राज्यमार्ग को भी बाधित कर दिया था. मामला बढ़ता देख सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे जरांगे पाटिल से हिंसा बंद करने को भी कहा. पाटिल का कहना है कि अगर आज की बैठक में कुछ फैसला नहीं लिया गया तो वह जल त्याग देंगे.

क्या है आंदोलनकारियों की मांग?
आंदोलनकारी नेताओं का कहना है कि मराठा और कुनबी एक ही हैं. इसलिए मराठों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. वहीं, राज्य सरकार आंदोलनकारी नेताओं से मराठा जाति को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने का वादा करके डैमेज कन्ट्रोल करना चाहती है. राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुए इस आंदोलन ने अब विकराल रूप ले लिया है. आंदोलन के नेता मनोज जारंगे ने आंदोलन देशभर में फैलने की चेतावनी दी है. माना जा रहा है कि सरकार की तरफ से हालातों को देखते हुए जल्द ही मराठाओं को आरक्षण देने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है.

13 दिनों में 25 लोगों ने किया सुसाइड
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य में मंगलवार (31 अक्टूबर) को 9 लोगों ने आत्महत्या कर ली. इनमें एक महिला भी शामिल थी. वहीं, बीते 13 दिनों में अब तक 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं. ये आंकड़ा 19 से 31 अक्टूबर तक का है. आंदोलन शुरु करने वाले मनोज जारांगे पाटिल लगातार राज्य सरकार को इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार स्पेशल सेशन बुलाकर इसपर फैसला नहीं करती है तो आंदोलन देश भर में किया जाएगा.

 

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