समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11जनवरी।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है और मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है। शास्त्रों के अनुसार इस दौरान स्नान-दान से कई गुना फल प्राप्त होता है. इस दिन सूर्यदेव की विधि-विधान के साथ पूजा करने पर व्यक्ति को मनचाहा वरदान मिलता है।
मकर संक्रांति मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त: सुबह 08:03:07 से 12:30:00 तक
महापुण्य काल मुहूर्त: सुबह 08:03:07 से 08:27:07 तक
मकर संक्रांति के दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
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