समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29जुलाई। शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने मंत्री पद से हटा दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें गुरुवार 28 जुलाई से ही मंत्रालय के कार्यों से मुक्त कर दिया है।
पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान आया है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है। मेरी पार्टी कठोर कार्रवाई करती है। इसके पीछे कई योजनाएं हैं, लेकिन मैं विवरण में नहीं जाना चाहती।’
पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख का कहना है कि पार्थ चटर्जी को बलि का बकरा बनाने के लिए बर्खास्त किया गया है। पहले तो वे कह रहे थे कि वह इस घोटाले में शामिल नहीं है और अब उसे बर्खास्त कर दिया। यह फैसला पांच बजे की बैठक में लिया जाने वाला था, अभिषेक बनर्जी इसका श्रेय लेना चाहते थे. लेकिन जनता का गुस्सा देखकर उन्हें यह फैसला जल्दबाजी में लेना पड़ा।
पार्थ चटर्जी पिछले सप्ताह उस समय अचानक सभी की नजरों में आ गए, जबकि उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो ठिकानों से कैश और ज्वैलरी के रूप में अकूत दौलत जब्त की गई. इसके बाद से तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी से दूरी बना ली थी. इस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार 25 जुलाई को स्पष्ट किया था कि घोटाले का जिम्मेदारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ऊपर है।
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट से कल यानी बुधवार 27 जुलाई को भारी मात्रा में नकदी मिली. हालांकि, कितनी राशि ईडी के हाथ लगी है, इसका अभी तक पूरी तरह से खुलासा नहीं हुआ है. पार्थ चटर्जी को ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है, पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था।
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