ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- एकतरफा आदेश से स्तब्ध, मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं करुगी

समग्र समाचार सेवा
कोलकत्ता, 31मई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के केंद्र के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया है। सीएम ने केंद्र के इस आदेश को ‘असंवैधानिक’करार दिया है। बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा कि वो केंद्र के एकतरफा आदेश से बेहद हैरान और स्तब्ध हैं और इस वजह से वो मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं करेंगी।
ममता बनर्जी ने पत्र में कहा कि ‘मुझे ये स्वीकार करना चाहिए कि मैं भारत सरकार के 28 मई 2021 को भेजे गए एकतरफा आदेश से हैरान और स्तब्ध हूं, इस आदेश में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त करने को कहा गया है, एकतरफा आदेश पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी पूर्व परामर्श के बिना, अधिकारी की किसी भी इच्छा के बिना ये एकतरफा आदेश कानूनी रूप से अस्थिर, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व और पूरी तरह से असंवैधानिक है’।
साथ ही ममता ने कहा ‘मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि आप अपने फैसले को वापस लें, या आदेश को रद्द करें।
सीएम बनर्जी ने लिखा कि मुख्य सचिव को 24 मई को सेवा विस्तार की अनुमति देने और चार दिन बाद के आपके एकपक्षीय आदेश के बीच आखिर क्या हुआ, यह बात समझ में नहीं आई।
उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि 1987 बैच के, पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले थे और उन्हें केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया।

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