समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 31 अक्टूबर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में श्री कमलचंद्र भंजदेव के नेतृत्व में बस्तर संभाग के मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरिन के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंटकर बस्तर क्षेत्र में हो रहे जबरन धर्मान्तरण के संबंध में ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में क्षेत्र के अन्य सामाजिक संगठनों ने भी ज्ञापन दिया है और मैंने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और पुलिस महानिदेशक से कार्यवाही करने हेतु कहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में इस संबंध में जागरूकता लाना आवश्यक है कि बहलाफुसलाकर लोगों का धर्मान्तरण करना दण्डनीय अपराध है। समाज के लोगों को संगठित होकर इसे रोकने के प्रयास करने चाहिए। आज आदिवासी क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है और इस हेतु सभी को आपसी भाईचारे से रहकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण की शिकायतों की जानकारी स्थानीय प्रशासन को तत्काल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे राज्य शासन को निर्देश देंगी।
प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि हमारे क्षेत्रों में बाहरी व्यक्ति आते हैं और कहते हैं कि तुम देवी देवताओं को मत मानों। जब कोई बीमार पड़ता है तो प्रार्थना करने के लिए कहते हैं। अगर ठीक हो जाता है तो कहते हैं कि यह देवी-देवताओं ने ठीक नहीं किया बल्कि प्रार्थना के कारण हुआ है। उनके खिलाफ जब थाने में शिकायत की जाती है तो उल्टे शिकायतकर्ता के खिलाफ ही कार्यवाही की जाती है। कई परिवारों में धर्मान्तरण के कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। स्वेच्छा से धर्मान्तरण तो ठीक है, लेकिन जबरन धर्मान्तरण की जाती है तो उन पर कार्यवाही होनी चाहिए।
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