समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13जून। उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश की मौत की खबर के बाद कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ पड़ी इंदिरा हृदयेश दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ मीटिंग में शामिल होने दिल्ली गई थी इसके बाद उनकी हालत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी उनकी मृत्यु हो गई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, “डॉ. इंदिरा हृदयेश जी कई सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे थीं। उन्होंने एक प्रभावशाली विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था। उनके निधन से दु:खी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी”
Dr. Indira Hridayesh Ji was at the forefront of several community service efforts. She made a mark as an effective legislator and also had rich administrative experience. Saddened by her demise. Condolences to her family and supporters. Om Shanti: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 13, 2021
विपक्ष की नेता डॉ इंदिराहृदेश के निधन पर उक्रांद परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि
विपक्ष की नेता डॉ इंदिराहृदेश के अकस्मात निधन पर उत्तराखंड क्रांति दल सवेंदना व्यक्त करते हुये भावभीनी श्रद्धांजलि देता है।
उत्तराखंड राजनीति की एक कोहिनूर को जनता ने खो दिया। जिसकी कमी हमेशा बनी रहेगी। सन 1974 से स्व० हेमवतीनंदन बहुगुणा जी के नेतृत्व में श्रीमती इंदिराहृदेश से राजनीति की पाली शुरू की थी। जो कि लगातार उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहते हुये लगातार एम०एल०सी० विधान परिषद में रही। एक खांटी की नेता जो हल्द्वानी क्षैत्र से विधानसभा से विधायक राज्य बनने के बाद रही। उनकी पार्टी सत्ता में रहते हुई श्रीमती इंदिराहृदेश अहम विभागों का कुशल संचालन किया। उनके निधन से मृदुभाषी, कुशल राजनीतिक नेत्री की कमी उत्तराखंड की राजनीति में खलती रहेगी।
इंदिरा के निधन की भरपाई कठिन: भगत
केबिनेट मंत्री श्री वंशीधर भगत ने कहा कि प्रदेश की कद्दावर एवं लोकप्रिय नेता डॉ इंदिरा हृदयेश के निधन से जो रिक्तता आयी है उनकी भरपाई आसान नहीं होगी। श्री भगत ने इसे निजी क्षति बताते हुए कहा कि उनसे उनकी अक्सर हसीं मजाक होती रहती थी,लेकिन उन्होंने कभी बुरा नहीं माना और न ही डॉ हृदयेश ने। वह सदैव जन हित के मुद्दों पर मुखर होने के साथ ही समाधान की राजनीति करने वाली नेता थी। उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में उन्होंने प्रदेश हित में कई मह्त्वपूर्ण कार्य किए।उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। श्री भगत ने ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति देने और परिजनों को दुःख सहने की शक्ति देने की कामना की।
इन्दिरा का निधन राज्य की बड़ी क्षति: कौशिक
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और नेता प्रतिपक्ष डॉ इन्दिरा हृदयेश का निधन राज्य की बड़ी क्षति है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ हृदयेश के उत्त्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड के राजनैतिक सफर में उनसे एक सीख मिली कि एक सकारात्मक राजनीति कैसे की जाती है। उन्होंने उनसे जुड़े कई संस्मरण साझा करते हुए कहा कि वह सदैव जन भावनाओं की कद्र करने और विपक्ष की आवाज को भी अहमियत देकर निर्णय लेने वाली नेता थी। कई मौको पर उन्होंने सदन में विपक्ष में रहते हुए अथवा एक मंत्री के रूप में इसे साबित भी किया। उनका मानना था कि विपक्ष जनता की आवाज़ का प्रतिनिधत्व करता है और उसकी बात को भी तवज्जों दी जानी चाहिए।
श्री कौशिक ने कहा कि इंदिरा राज्य में एकमात्र ऐसी नेता थी जिनका मन,कद और पद बहुत बड़ा था। सकारात्मक सोच की ऐसे नेता के निधन की भरपाई आसान नहीं होगी। इंदिरा के निधन को श्री कौशिक ने राज्य की बड़ी क्षति के साथ ही उन्होंने अपनी निजि क्षति भी बताया। उन्होंने दुःख की इस घड़ी में परिजनों को दुःख सहने की शक्ति देने को ईश्वर से प्रार्थना की।
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री श्री बंशीधर भगत ने नेता प्रतिपक्ष श्रीमती डॉ इंदिरा ह्रदयेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
औद्योगिक विकास, सैनिक कल्याण, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी व ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कांग्रेस की दिग्गज नेत्री एवं राज्य की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड काँग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूँ। मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणो में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस असीम दुःख को सहने की शक्ति दे। दलीय विचारधारा में अंतर होने के उपरांत भी दीदी इंदिरा हृदयेश सभी के लिए एक सम्मानित नेता थीं। उनका जीवन एवं राजनीतिक सेवा भावना हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। सदन में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर इंदिरा हृदयेश उनकी उपस्थिति मात्र ही संसदीय परम्पराओं और गरिमा को उच्च स्तर प्रदान करती थी। उत्तर प्रदेश से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा आज नेता प्रतिपक्ष के रूप समाप्त हुई है।
उत्तराखंड की “आइरन लेडी“ के तौर पर जाने जानी वाली दीदी इंदिरा हृदयेश जी के विषद संसदीय एवं विधायी कार्यों के ज्ञान की कमी राज्य के राजनीतिक परिदृश्म में पर हमेशा खलती रहेगी।
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