मराठा आरक्षण आंदोलन: आजाद मैदान खाली करने के हाई कोर्ट के आदेश के बीच मनोज जरांगे पाटिल का अनशन जारी

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 2 सितंबर: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल पिछले 4 दिनों से मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हैं। हालांकि पांचवें दिन मंगलवार को उन्होंने पानी पीकर अनशन आंशिक रूप से तोड़ा है, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि जब तक मराठों को कुनबी का दर्जा और आरक्षण नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा।

बॉम्बे हाई कोर्ट का सख्त रुख

सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने आंदोलनकारियों को बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर फटकार लगाई और आज दोपहर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सड़कों और सार्वजनिक जगहों पर आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि “कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी”। वहीं, जरांगे का कहना है कि किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है।

सरकार से बातचीत को तैयार

मनोज जरांगे ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वे सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मांग की कि मराठों को कुनबी घोषित करने के लिए सरकारी आदेश (GO) तुरंत जारी किया जाए, ताकि उन्हें शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।

जरांगे ने यह भी कहा कि यदि उन्हें जबरन मुंबई से बाहर भेजने की कोशिश की गई तो स्थिति बिगड़ सकती है।

आंदोलनकारियों की संख्या और अपील

जरांगे के साथ लगभग 4,000 से 5,000 प्रदर्शनकारी आजाद मैदान में मौजूद हैं। उन्होंने समर्थकों से कहा:

  • “रेलवे स्टेशनों पर आराम करो, हंगामा मत करो।”
  • “पुलिस के साथ बातचीत कर वैकल्पिक मैदान में समूह लगाओ।”
  • “किसी आम नागरिक को दिक्कत न हो।”

भोजन और स्वच्छता की व्यवस्था

आंदोलन स्थल पर प्रदर्शनकारियों के लिए बड़ी संख्या में भोजन की व्यवस्था की गई है। लगभग 50 ट्रक, जिनमें प्रत्येक में 1,000 लोगों के लिए भाकरी-ठेचा और भोजन है, रोज पहुंच रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह भोजन उनके गांवों से आता है और आम मुंबईकरों में भी बांटा जा रहा है।

साफ-सफाई का भी आंदोलनकारी खुद ध्यान रख रहे हैं और सड़कों से कचरा हटाते नजर आए।

मुंबई में ट्रैफिक व्यवस्था

मुंबई पुलिस और CRPF जवानों की तैनाती के बाद सीएसटी और चर्चगेट के बीच की सड़कें काफी हद तक खाली कराई गई हैं। रातभर वाहन हटाने के बाद जेजे फ्लाईओवर और डीएन रोड पर यातायात सामान्य हो गया है।

मराठा आरक्षण आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। एक ओर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है तो दूसरी ओर मनोज जरांगे पाटिल आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार मराठों को कुनबी घोषित कर आरक्षण देने का फैसला लेगी या आंदोलन और तेज होगा।

 

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.