समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 28 अप्रैल। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार पलटवार करते हुए कहा है कि वह एक बार फिर यूपी की सीएम और आगे चलकर देश की पीएम बनना चाहती हैं, लेकिन राष्ट्रपति का पद उन्हें मंजूर नहीं है। समाजवादी पार्टी पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि यदि दलित, वंचित, मुस्लिम और सवर्ण समाज के गरीब पार्टी से दोबारा जुड़ जाते हैं तो उनका सीएम और पीएम बनना संभव है। एक दिन पहले ही अखिलेश ने कहा था कि बसपा ने विधानसभा चुनाव में अपना वोट भाजपा को दे दिया था अब देखना है कि बीजेपी उन्हें राष्ट्रपति बनाती है या नहीं।
यूपी में मुस्लिम और कमजोर वर्ग पर हो रहे जुल्म के लिए सपा मुखिया कसूरवार
लखनऊ में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा, ”यूपी में मुस्लिम और कमजोर वर्ग पर हो रहे जुल्म के लिए सपा मुखिया कसूरवार हैं। अभी भी अफवाह फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब तो घिनौनी राजनीति बंद करनी चाहिए। मैं बताना चाहती हूं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यूपी सहित पूरे देश में दलित, मुस्लिम, आदिवासी और सवर्ण के गरीब बसपा से जुड़ जाते हैं तो बसपा प्रमुख को यूपी की सीएम और देश का पीएम बना सकते हैं। इनके वोट में बहुत ताकत हैं, बशर्ते दोबारा बसपा से जुड़ जाएं और चुनाव में बहकावे में ना आएं।”
सीएम और पीएम बनने की इच्छा जताई
मायावती ने कहा, ”मैं फिर से यूपी की सीएम और देश का पीएम बनने का सपना देख सकती हूं। देश का राष्ट्रपति बनने का सपना नहीं देख सकती, क्योंकि मैं ऐश और आराम की जिंदगी नहीं चाहती, मैंने अपनी जिदंगी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और मान्यवर कांशीराम के रास्ते पर चलकर दबे-कुचले लोगों को अपने पैरे को खड़ा करने के लिए समर्पित की है। यह इनको मालूम होना चाहिए। यह भी सब जानते हैं कि यह काम मैं देश का राष्ट्रपति बनकर नहीं बल्कि यूपी की सीएम और देश का पीएम बनकर कर सकती हूं।”
अब फिर से ये लोग बसपा की सरकार बनाएंगे
बसपा प्रमुख ने कहा, ”सपा के लोग मुझे राष्ट्रपति बनाने का जो सपना देख रहे हैं वह भूल जाना चाहिए। ये ऐसा इसलिए चाहते हैं ताकि उनके लिए यूपी का सीएम बनने का रास्ता साफ हो जाए, जोकि संभव नहीं। यूपी के मुसलमानों और यादवों ने भी अपना वोट देकर भी देख लिया है, कई पार्टियों से गठबंधन करके भी देख लिया फिर भी सपा सरकार नहीं बना पाई। इसलिए अब फिर से ये लोग बसपा की सरकार बनाएंगे।”
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