अमित शाह और छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री की बैठक: राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा, छत्तीसगढ़ को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में अहम कदम!

नई दिल्ली | 22 अप्रैल – भारत की न्यायिक प्रणाली को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साईं के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। यह बैठक दिल्ली में हुई, जिसमें राज्य में लागू होने जा रहे तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की स्थिति पर गहन चर्चा की गई।

गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार से आग्रह किया कि वह तीन नए आपराधिक कानूनों को जल्द से जल्द लागू करे और राज्य को एक आदर्श राज्य बनाने का लक्ष्य तय करे। उनका कहना था,

“इन कानूनों का उद्देश्य भारतीय न्यायिक व्यवस्था को मजबूती और आधुनिकता प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को इन सुधारों से बडी़ सहूलियत मिल सकती है और राज्य को इनका पूरा लाभ उठाना चाहिए।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन कानूनों के तहत, राज्य को इस सुधार प्रक्रिया को चुनौती के रूप में लेना चाहिए और जल्द से जल्द इसे कार्यान्वित करने की दिशा में गंभीर कदम उठाने चाहिए।

गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार को यह सलाह दी कि न्यायिक प्रक्रिया की गति को बढ़ाने के लिए DSP स्तर के अधिकारियों को चार्जशीट दाखिल करने की जिम्मेदारी दी जाए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गंभीर अपराधों की जांच 60 से 90 दिनों के भीतर पूरी की जाए।
उनका कहना था,

“इससे न केवल अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो सकेगी, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी सुधार होगा।”

श्री शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत, गवाहों से बयान दर्ज करने से लेकर ट्रायल तक सभी प्रक्रियाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संचालित किया जा सकता है, जिससे मानव संसाधन की बचत होगी और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह कदम न्यायालयों की कार्यप्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने में मदद करेगा।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी सख्त निर्देश दिया कि छत्तीसगढ़ के सभी पुलिस थाने और DSP स्तर के अधिकारी गंभीर अपराधों की जांच में NATGRID का नियमित रूप से उपयोग करें। NATGRID (नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड) का सही उपयोग अपराधों के त्वरित समाधान में सहायक साबित हो सकता है, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।

अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार को यह सुझाव भी दिया कि राज्य में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक संरचित तंत्र स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा,

“मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को हर सप्ताह स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए, राज्य गृह मंत्री को हर 15 दिन में प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए, और मुख्यमंत्री को हर महीने एक बैठक आयोजित करके कार्यान्वयन की स्थिति का आकलन करना चाहिए।”

यह बैठक छत्तीसगढ़ के न्यायिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से न केवल छत्तीसगढ़ की पुलिस व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य के न्यायिक ढांचे में भी व्यापक सुधार होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं की टीम अब इस दिशा में कदम उठाकर छत्तीसगढ़ को भारत के सबसे आदर्श राज्य में तब्दील करने की ओर अग्रसर हो सकती है।

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