शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों में कौशल प्रशिक्षण तथा उद्यमियों की नई पीढ़ी के माध्यम से क्षमता निर्माण पर बैठक

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21फरवरी।कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) उद्यमियों की एक नई पीढ़ी के कौशल प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भागीदार देशों के बीच क्षमता निर्माण के लिए कल हयात रीजेंसी में एक सम्मेलन आयोजित कर रहा है। भारत इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों के लिए विभिन्न विधाओं में डिजिटल परिवर्तन पर अपनी सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को प्रस्तुत करेगा, जिसमें उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो महामारी के दौरान जनता के सामने आने वाली कल्याणकारी चुनौतियों को पूरा करने में सहायता करते हैं।

इसके अलावा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, सूचना प्रौद्योगिकी आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में श्रेणीबद्ध उपलब्धियों तथा सीखने के बारे में सिफारिश करने के लिए उद्योग एवं कौशल आधारित शिक्षा के बीच डिजिटल परिवर्तन और संबंधों का उल्लेख करने वाला एक सत्र आयोजित होगा, जिसने कोविड महामारी के दौरान जनता के सामने आने वाली कल्याणकारी चुनौतियों को पूरा करने में सहायता की है। सत्र के दौरान इस बात पर भी विचार-विमर्श होगा कि कैसे शंघाई सहयोग संगठन के लिए भागीदार देशों में डिजिटल एकीकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से संस्थानों को संरेखित करने तथा हितधारकों को शामिल करने की आवश्यकता है।

इस सम्मेलन से भारत को अपनी क्षमता निर्माण में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने का अवसर प्राप्त होगा और अन्य एससीओ सदस्य देशों को इसी तरह के कार्यक्रम संचालित करने के लिए प्रेरित करेगा। शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतरसरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे आठ सदस्य शामिल हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों एवं क्षेत्रीय सुरक्षा को सशक्त करते हैं।

इस सम्मेलन का मुख्य फोकस सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के उपयोग पर कौशल आधारित क्षमता निर्माण के माध्यम से इच्छुक उद्यमियों एवं छोटे व्यवसायों की क्षमता को मजबूत करना, लघु व्यवसाय उद्यमशीलता की पहल करना और रुझान उत्पन्न करना भी होगा। शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी और भारत ने 2017 में इसका सदस्य देश बनने से पहले 2005 में एक पर्यवेक्षक राष्ट्र के रूप में इसके साथ अपना जुड़ाव शुरू किया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2021 को दुशांबे में पहली बैठक के दौरान, अपने विकास कार्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के भारत के अनुभव के बारे में चर्चा की और अन्य एससीओ सदस्य देशों के साथ ओपन-सोर्स समाधान साझा करने की पेशकश की।

वर्तमान वैश्विक राजनीतिक गतिविधियों के बीच, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन मैनेजमेंट, डेटा एनालिटिक्स और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों की मांग में वृद्धि देख रहा है। इसने उच्च स्तर के संज्ञान और सामाजिक-भावनात्मक कौशल की मांग में वृद्धि की है, जिससे श्रमिकों को पर्याप्त कौशल, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के माध्यम से अपनी वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए प्रेरित किया गया है। परिणामस्वरूप, नई शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वयं को वैश्विक कौशल केंद्र बनाने हेतु भारत विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल के निर्माण के लिए भी प्रतिबद्ध है।

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