शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कला उत्सव 2021 के समापन समारोह को सम्बोधित किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 जनवरी। शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने आज कला उत्सव 2021 के समापन समारोह को सम्बोधित किया। कला उत्सव एक जनवरी को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये ऑनलाइन आरंभ हुआ था। कला उत्सव 2021 में विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति स्कूलों की कुल 35 टीमों ने हिस्सा लिया। उत्सव में इन स्कूलों के 582 छात्रों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इन प्रतिभागियों में से 291 लड़कियों और 291 लड़कियों ने कला उत्सव 2021 में हिस्सा लिया। इनमें पांच दिव्यांग प्रतिभागी भी शामिल थे।
समारोह को सम्बोधित करते हुये श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि कला उत्सव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना के अनुरूप है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को बधाई दी कि उन लोगों ने वर्तमान वर्ष की विकट परिस्थितियों में भी वर्चुअल माध्यम से इतना मनमोहक प्रदर्शन किया। ऐसी उपलब्धि के बारे में दो वर्ष पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने सभी राज्यों की भागीदारी पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि राज्यों के बेमिसाल उत्साह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत एकता और विविधता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि जब भारत सहित पूरा विश्व कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था, तब भारत ने अनेक सुधार शुरू किये, जिनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक अहम स्थान रखती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के जरिये कला और संस्कृति को प्रोत्साहन देती है तथा कला उत्सव 2021 भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा का पालन करता है।
इस अवसर पर डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि कला उत्सव छात्रों की तर्क-शक्ति, समस्याओं का समाधान करने की शक्ति, संज्ञानात्मक और निर्णय क्षमता को बढ़ाने के अवसर देता है, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कला उत्सव प्रधानमंत्री की “वोकल फॉर लोकल” की परिकल्पना को प्रोत्साहित करता है। वह स्वदेशी कला को प्रेरित करता है, ताकि एक विश्व पहचान बन सके। इसके साथ ही इससे छात्रों को अवसर मिलता है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर स्थानीय या पारंपरिक कला रूपों को प्रस्तुत कर सकें।
राष्ट्रीय कला उत्सव को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् तथा स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 2015 में शुरू किया था। कला उत्सव में देश के सभी स्कूलों के छात्रों को पहले जिला स्तर पर, फिर राज्य स्तर पर और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न वर्गों में प्रतिस्पर्धा के लिये आमंत्रित किया जाता है। यह प्रतिस्पर्धा विशिष्ट निर्णायक मंडल के सामने होती है। कला की विभिन्न विधाओं के 27 दिग्गज और विशेषज्ञ निर्णायक मंडल के सदस्य होते हैं।
एक जनवरी से 12 जनवरी, 2022 तक आयोजित होने वाले कला उत्सव 2021 की प्रतिस्पर्धाओं में कला की कुल नौ विधायें थीं, जिनमें 1. संगीत गायन-शास्त्रीय, 2. संगीत गायन-पारंपरिक लोक गायन, 3. संगीत वाद्य -शास्त्रीय, 4. संगीत वाद्य -पारंपरिक लोक संगीत, 5. नृत्य-शास्त्रीय, 6. नृत्य-लोक, 7. दृश्य कला दो आयामी, 8. दृश्य कला तीन आयामी, 9. स्वदेशी खिलौने और खेल शामिल थे।
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