आयुष तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय “सम्पूर्ण स्वास्थ्य” नीति लाएंगे-डॉ. मनसुख मांडविया
सर्बानंद सोनोवाल ने दो दिवसीय राष्ट्रीय आयुष मिशन सम्मेलन का किया उद्घाटन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 मई।दो दिवसीय राष्ट्रीय आयुष मिशन सम्मेलन स्वास्थ्य और सार्वजनिक वेलनेस के लिए “सम्पूर्ण स्वास्थ्य” की प्राथमिकताओं के प्रति आयुष तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रतिबद्धता के साथ प्रारम्भ हुआ। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति में केंद्रीय आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय की दो आईसीटी पहलें लॉन्च की गयीं। ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (ईएलएमएस) का शुभारम्भ सर्बानंद सोनोवाल ने किया और एक उन्नत ईएचआर सिस्टम व्यापक एएचएमआईएस का शुभारम्भ डॉ. मनसुख मांडविया ने किया। आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गोवा, झारखंड, उत्तराखंड, असम, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य तथा आयुष मंत्री तथा जम्मू और कश्मीर के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण के लिए जीवन-शैली की शपथ दिलाई।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए सोनोवाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य और वेलनेस के लिए आयुष तथा स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय को एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत को इस मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रालयों के एक साथ काम करने से हमारे संकल्प और हमारी शक्ति कई गुना बढ़ी है। भारतीय पारम्परिक औषधि प्रणालियों को मान्यता देते हुए डब्ल्यूएचओ ने भी जामनगर में डब्ल्यूएचओ-जीसीटीएम सेंटर की स्थापना की है।
डॉ. मनसुख मांडविया ने सम्पूर्ण चिकित्सा पर अत्यधिक बल देते हुए कहा कि आज की प्राथमिक आवश्यकता भारत के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ बनाने की है। दोनों मंत्रालय शीघ्र ही “सम्पूर्ण स्वास्थ्य” नीति लाएंगे।
डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत की पारम्परिक चिकित्सा पद्धति हमारी शक्ति है और अब पूरे विश्व ने इसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि योग वेलनेस के लिए सबसे अच्छा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य तथा वेलनेस लाभों के लिए जापान की बहुसंख्यक आबादी नियमित रूप से योगाभ्यास करती है।
आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि आयुष प्रणाली अपने समग्र तथा समन्वित दृष्टिकोण के साथ भारत में बीमारियों को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने सभी का स्वागत किया और कहा कि अपने समग्र दृष्टिकोण के कारण आयुष प्रणाली प्राथमिक रोग निवारण पर केंद्रित समस्याओं से निपटने में आगे है।
उद्घाटन सत्र के बाद राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से देश में आयुष सेवाओं को मज़बूत बनाने पर गोलमेज विचार-विमर्श आयोजित किया गया। मंत्रियों तथा भाग लेने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य डिलीवरी प्रणाली में एएचडब्ल्यूसी द्वारा लाये जा रहे प्रभावों को स्वीकार किया। विचार-विमर्श के दौरान मंत्रियों ने यह भी बताया कि किस तरह उनके राज्यों में आयुष प्रणाली विकसित हो रही है और रोजगार सृजन कर रही है। आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की समीक्षा प्रस्तुत की।
राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) आयुष मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के सक्रिय सहयोग से यह कार्यक्रम राज्यों में स्वास्थ्य तथा वेलनेस परिदृश्य बदल रहा है। दो दिन (18 तथा 19 मई, 2023) का सम्मेलन हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय तथा एएचडब्ल्यूसी के कामकाज को और अधिक अच्छा बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सम्मेलन के दौरान भाग लेने वाले राज्यों के विषय विशेषज्ञ राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे, जो एनएएम के अंतर्गत बजट समावेश में बड़ी हुई दक्षता तथा योजना के तात्कालिक निष्पादन के लिए संस्थागतकरण, आयुष स्वास्थ्य सुविधाओं की दवाओं की बेहतर आपूर्ति को सक्षम करने, आयुष के लिए क्षमता निर्माण तथा आयुष स्वास्थ्य वेलनेस केंद्रों (एएचडब्ल्यूसी) को उन्नत बनाने, आयुष सार्वजनिक स्वास्थ सेवा में अनुसंधान तथा गुणवत्ता आश्वासन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और तकनीकी एकीकरण को मज़बूत करने के लिए आयुष में शिक्षा इकोसिस्टम को मजबूत करने पर केंद्रित है।
यह प्रमुख कार्यक्रम राष्ट्रीय आयुष मिशन 2014 में प्रारम्भ किया गया था और इसने भारत की पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों तथा मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में उनके एकीकरण को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका उद्देश्य भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के भाग के रूप में आयुष स्वास्थ्य वेलनेस सेंटरों (एएचडब्ल्यूसी) के माध्यम से देशभर में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों के माध्यम से वर्तमान आयुष डिस्पेंसरियों/स्वास्थ्य उपकेंद्रों को केंद्र प्रायोजित योजना मोड में तथा राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के अंतर्गत चरणबद्ध तरीके से उन्नत करके 12,500 आयुष एएचडब्ल्यूसी के संचालन को मंजूरी दे दी है। आज तक पूरे भारत में 8500 से अधिक एएचडब्ल्यूसी स्थापित किये गये हैं और समुदायों की सेवा कर रहे हैं।
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