महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरा राष्ट्रीय वेबिनार किया आयोजित
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जून। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरा राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया। यह आयोजन हाल ही में लागू किए गए आपराधिक कानूनों ‘भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)’ पर आधारित था। यह पहल विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए इन परिवर्तनकारी कानूनी बदलावों के बारे में राष्ट्रव्यापी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए है। इस तरह का पहला वेबिनार 21 जून, 2024 को आयोजित किया गया था।
वेबिनार में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने अपने संबोधन में नए आपराधिक कानूनों के प्रमुख प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) और महिला और बाल विकास मंत्रालय के विशेषज्ञों ने महिलाओं और बच्चों पर इन कानूनों के सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इन कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, गरिमा और संरक्षा से संबंधित विशेषताओं पर जोर दिया गया।
इस कार्यक्रम में पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, विशेष रूप से महिला प्रतिनिधियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला और बाल विकास., ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के विभिन्न हितधारकों सहित लगभग 50 लाख हितधारकों ने भाग लिया।
इन सुधारात्मक कानूनों का पारित होना भारत में महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए कानूनी ढांचे को सुदृढ़ करने के प्रधानमंत्री के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।
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